छत्तीसगढ़रायगढ़

रायगढ़ की चार कोयला खदानों में लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट बना रोड़ा…खनन की नहीं मिलेगी अनुमति…

रायगढ़। राज्य शासन द्वारा घोषित लेमरू एलीफेंट रिजर्व के कारण रायगढ़ जिले की चार कोयला खदानों के शुरू होने पर प्रश्नचिह्न लग गया है। सरकार ने 39 खदानों की जो सूची प्रस्तुत की है, उसमें रायगढ़ की तीन खदानें हैं। तीनों में से एक का आवंटन भी हो चुका है। कोरबा, जशपुर, रायगढ़ और सरगुजा को मिलाकर राज्य शासन ने हाथियों के लिए रिजर्व प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। लेमरू एलीफेंट रिजर्व के लिए पहले से कहीं अधिक करीब दो हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल को चिह्नित किया गया है। इन चारों जिलों से होकर हाथियों का कॉरीडोर बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। हाथियों के विचरण क्षेत्र में कोयला खदानें डेवलप होने के कारण उनका रूट डायवर्ट हो गया है। इसी वजह से हाथी-मानव संघर्ष हो रहा है। छग सरकार ने हाथियों के लिए लेमरू एलीफेंट रिजर्व की घोषणा करने के बाद इसके दायरे में आने वाले कोयला खदानों की सूची जारी की है। कुल 39 कोल ब्लॉक इससे प्रभावित हो रहे हैं। इनमें खनन की अनुमति राज्य सरकार नहीं दे रही है। सूची में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के चार कोल ब्लॉक फतेहपुर, फतेहपुर ईस्ट, फतेहपुर साउथ और दुर्गापुर 2/तराईमार हैं। इनमें से तीन कोल ब्लॉक का आवंटन नहीं हुआ है।

कर्नाटका पावर को मिली है माइंस
धरमजयगढ़ में दुर्गापुर 2/सरिया और दुर्गापुर 2/तराईमार को मर्ज करने के बाद कोयला मंत्रालय ने सार्वजनिक उपक्रमों के लिए आवंटन सूची में इसे रखा था। कर्नाटका पावर को इसका आवंटन किया गया है, लेकिन अभी तक कागजी कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी है।

लेमरू एलीफेंट रिजर्व के दायरे में आने के बाद अब यहां खनन संभव नहीं लग रहा है।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!