कोरबा । कोरबा जिले में एसईसीएल की कोयला खनन परियोजनाओं से विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग इस क्षेत्र की एक प्रमुख मांग के रूप में उभर रही है। अपनी जमीन से हाथ धो चुके परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है। इन विस्थापित परिवारों से एसईसीएल ने रोजगार देने का वादा किया था, जिस पर उसने आज तक अमल नहीं किया है।
किसान सभा ने 10 दिनों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को काम नहीं देने पर गेवरा खदान बंदी की चेतावनी प्रबंधन को दी है। किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,प्रशांत झा,जय कौशिक ने कहा कि प्राथमिकता के साथ एसईसीएल के अधीनस्थ कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियों में 100 प्रतिशत कार्य विस्थापित बेरोजगारों को उपलब्ध कराया जाए। उनका आरोप है कि विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। किसान सभा का कहना है कि उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की नैतिक जिम्मेदारी एसईसीएल की है, लेकिन वह इसे पूरा करने से इंकार कर रही है, जिसके कारण उन्हें खदान बंदी आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।
किसान सभा ने इस संबंध में एक ज्ञापन एसईसीएल के गेवरा कार्मिक प्रबंधक एस परीडा को सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में बड़ी संख्या में माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर के साथ प्रमुख रूप से जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, दीपक साहू, जय कौशिक, देव कुंवर, वनवासा, शशि, गणेश कुंवर, आशीष यादव, गुलशन दास, अमृत यादव, नरेश कुमार शामिल थे।