रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने अयोध्या में राम जन्म भूमि पर निर्मित राम मन्दिर के लिए जमीन खरीदी में हुए घोटाले की न्यायिक जाँच करने की मांग करते हुए आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरना में बैठ कर विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राम मन्दिर के नाम पर जमीन खरीदने के बहाने राम भक्तों को पूरे देश में ठगा जा रहा है। उन्होंने कहा, इस घोटाले के सामने आने के बाद इस पूरे प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी की संलिप्तता की भी जाँच होनी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मन्दिर के नाम पर भाजपा आरंभिक दिनों से ही राजनीति करते आ रही है। भाजपा भगवान राम के नाम पर हमेशा से देश के लोगों को गुमराह कर सिर्फ सत्ता हथियाने का काम की है और आज जब अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राम मन्दिर का निर्माण हो रहा है, ऐसे में राम मन्दिर की जमीन खरीदी में जिस तरह से घोटाले की बात सामने आई है यह बहुत ही दुर्भाग्य जनक है। उन्होंने कहा, यह राम मन्दिर के नाम पर जमीन खरीदने के बहाने राम भक्तों को ठगने का काम है। विकास उपाध्याय ने कहा, इस घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच होनी चाहिए एवं भगवान राम के नाम पर जो लोग इसमें संलिप्त हैं उन्हें पकड़कर जेल में डाला जाना चाहिए।
विकास उपाध्याय ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 18 मार्च 2021 को करीब 10 मिनट पहले राम मन्दिर की जमीन का बैनामा के साथ-साथ एग्रीमेन्ट भी हुआ। जिस जमीन को 02 करोड़ रूपये में खरीदा गया, उसी जमीन का 10 मिनट बाद 18.50 करोड़ में एग्रीमेन्ट क्यों किया गया? विकास उपाध्याय ने सवाल किया कि ऐसी कौन सी वजह थी जो प्रति सेकण्ड 05.50 लाख रूपये उक्त जमीन की कीमत बढ़ गया, जबकि एग्रीमेन्ट और बैनामा दोनो में ही ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। इससे साफ जाहिर है कि जमीन खरीदने का सारा खेल इन दोनों को मालूम था और यह बगैर भाजपा के सह में नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, भाजपा सिर्फ राम के नाम पर मन्दिर निर्माण के बहाने देश के लोगों को और राम भक्तों को ठगने का काम कर रही है।