खरसिया। खरसिया क्षेत्र में लंबे समय से प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अधर में लटका हुआ है, जिससे स्थानीय जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि,खरसिया के लोकप्रिय विधायक उमेश पटेल इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उनके प्रयासों को क्षेत्र के जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है, लेकिन राज्य सरकार और प्रशासन की उदासीनता ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
विधायक उमेश पटेल: क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध नेता
विधायक उमेश पटेल को खरसिया की जनता ने हमेशा जनहित के मुद्दों को मजबूती से सड़क से सदन तक उठाने वाले नेता के रूप में देखा है। उन्होंने ओवरब्रिज निर्माण को प्राथमिकता देते हुए कई बार राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन को इसकी आवश्यकता से अवगत कराया है। विधायक उमेश पटेल का कहना है कि यह परियोजना क्षेत्र के विकास के लिए बेहद जरूरी है और वे इसके लिए हरसंभव प्रयास जारी रखेंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार की लापरवाही पर सवाल
जनता का मानना है कि इस परियोजना में देरी का मुख्य कारण छत्तीसगढ़ सरकार और संबंधित विभागों की लापरवाही है। आवश्यक मंजूरियों और फंड जारी करने में हो रही देरी ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यह मामला केवल खरसिया की जनता के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सरकार की निष्क्रियता ने इसे अधर में डाल रखा है।
धरना प्रदर्शन के माध्यम से आवाज बुलंद
10 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने मदनपुर तहसील कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन सुनिश्चित किया गया है।
कांग्रेस का आह्वान
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने खरसिया कांग्रेस परिवार ने सभी पदाधिकारियों,नागरिकों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और सरकार को उनकी मांगों के प्रति जवाबदेह बनाएं।
जनता की उम्मीदें और समाधान की मांग
खरसिया की जनता को उम्मीद है कि विधायक उमेश पटेल के नेतृत्व में यह आंदोलन सरकार और प्रशासन को झकझोरने में सफल होगा। लोगों का कहना है कि अगर सरकार समय पर कदम उठाती तो आज इस ओवरब्रिज मूर्त रुप लें चुका होता।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता और कांग्रेस के इस आंदोलन के बाद सरकार अपनी लापरवाही को सुधारने के लिए कितनी जल्दी कदम उठाती है।