दिल्लीराष्ट्रीय

महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और प्रसंस्करण

भारत महत्वपूर्ण खनिजों की अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए इनके आयात पर निर्भर करता है और लिथियम, कोबाल्ट, निकल, फॉस्फोरस, पोटाश आदि जैसे खनिजों का आयात करता है।

केंद्र सरकार ने 17.08.2023 से एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2023 के माध्यम से खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन किया है। उक्त संशोधन के माध्यम से, केंद्र सरकार को उक्त अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग-डी में सूचीबद्ध 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार दिया गया है। खान मंत्रालय, भारत सरकार ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के 14 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी को कार्यरूप दिया है।

केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी के अलावा, महत्वपूर्ण और गहरे खनिजों के अन्वेषण को और बढ़ावा देने के लिए, एमएमडीआर अधिनियम की नई सम्मिलित सातवीं अनुसूची में उल्लिखित 29 गहरे खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस नामक एक नई खनिज रियायत की शुरूआत की गई है। नीलामी के माध्यम से प्रदान किया गया अन्वेषण लाइसेंस लाइसेंसधारक को खोजे गए ब्लॉकों में खनन शुरू होने के बाद राजस्व हिस्सेदारी प्राप्त होने पर इन खनिजों के लिए टोही और पूर्वेक्षण संचालन करने की अनुमति प्रदान करेगा।

खान मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए अन्वेषण कार्यक्रम को बढ़ाने पर जोर दिया है। इसके अनुसार, पिछले तीन वर्षों (2021-22 से 2023-24) के दौरान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने विभिन्न महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों पर 368 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की थीं। वर्तमान एफएस 2024-25 के दौरान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने देश भर में विभिन्न महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की खनिज क्षमता का आकलन करने के लिए 196 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं।

राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) की स्थापना के बाद से, एनएमईटी द्वारा कुल 393 परियोजनाओं को वित्त पोषित किया गया है। 393 परियोजनाओं में से 122 परियोजनाएं विभिन्न अन्वेषण एजेंसियों के माध्यम से महत्वपूर्ण खनिजों की हैं।

अन्वेषण में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, खान मंत्रालय ने 23 निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को अधिसूचित किया है। ये एजेंसियां ​​एनएमईटी के माध्यम से अन्वेषण परियोजनाओं को कार्य करने के लिए ले रही हैं। राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) ने समग्र लाइसेंस और अन्वेषण लाइसेंस धारकों के लिए अन्वेषण व्यय की आंशिक प्रतिपूर्ति के लिए दो योजनाएं जारी की हैं। इन योजनाओं के तहत, लाइसेंस धारकों द्वारा किए गए अन्वेषण व्यय का 50 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की जाती है।

वर्ष 2023 में, विज्ञान और प्रोद्योगिकी कार्यक्रम के विस्तार क्षेत्र को बढ़ाते हुए “खनन, खनिज प्रसंस्करण, धातु विज्ञान और पुनर्चक्रण क्षेत्र में स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने (एसएंडटी-पीआरआईएसएम)” आरएंडडी और व्यावसायीकरण के बीच के अंतर को दूर करने के लिए स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय में अनुसंधान और नवाचार को वित्तपोषित करने के लिए शुरू किया गया था। वर्ष 2024 के दौरान, खान मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के अनुसंधान एवं विकास घटक के अंतर्गत, महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्चक्रण से संबंधित 10 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को विभिन्न भारतीय संस्थानों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के माध्यम से शुरू करने की स्वीकृति दी गई है।

यह जानकारी आज केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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