सुबह बिजली आपूर्ति न होने से पेयजल की समस्या से दो-चार होना पड़ता है।
पहले विपक्ष कटौती होने पर हो हल्ला मचा देता अब साहब से नेता बने जिम्मेदार अपनी विपक्ष का धर्म निभाना भुल गए…
तमाम प्रयासों के बावजूद क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं हो रहा। ग्रामीण अंचलों में बिना रोस्टर के आपूर्ति की जा रही है। दिन में भी घंटों कटौती की जा रही। इससे इलेक्ट्रानिक मरम्मत की दुकानों में कार्य प्रभावित हो रहा। शाम के वक्त कटौती की वजह से चोर-उचक्कों की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे इलाकाई लोग भयभीत हैं। सुबह बिजली आपूर्ति न होने से पेयजल की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। ट्रिपिंग व लोकल फाल्ट से मुश्किलें और बढ़ जातीं। शिकायत के बाद भी महकमे के जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं।
परेशान और हलकान कर देने वाली इस गर्मी में बिजली गुल होने पर मेरा भी मन करता है कि बिजली प्रदाय व्यवस्था को जी भरकर कोसूं ,जली कटी सुनाऊं लेकिन इसे लेकर जो पूर्व के अनुभव हैं उसके कारण चुप रह जाता हूँ ।
बिजली विभाग भी नही चाहता है कि विद्युत पारेषण व्यवस्था में किसी भी प्रकार से कोई रुकावट आये और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े । व्यवस्था के सुचारू संचालन में उसके कर्मचारी दिन-रात काम में लगे रहते हैं ।
इस भीषण गर्मी और तपन के बीच विद्युत कर्मी भी बिजली के खम्भे पर विद्युत व्यवस्था बहाल करने के लिए सुधार कार्य करने हेतु खम्भे पर चढ़े देखे जा सकते हैं ।इसी सुधार कार्य को करने के लिए उन्हें पावर कट करने के लिए शट डाउन भी लेना पड़ता है ।
भीषण गर्मी का असर विद्युत प्रदाय व्यवस्था पर भी पड़ता है ,नतीजन ओव्हर लोड बढ़ने के कारण कहीं ट्रांसफॉर्मर जलता है तो कहीं किसी लाइन में फाल्ट भी आ जाता है जिसे तलाशने में काफी वक्त भी लगता है तब कहीं जाकर उसमें सुधार हो पाता है।
सवाल यह भी है कि फाल्ट आने पर क्विक रिस्पांस के लिए विद्युत विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ,संशाधन ,उपकरण भी हैं ?हम तो यही सोचते हैं कि बिजली गुल होने पर तत्काल बिजली आ जाये क्योंकि बिजली बिल का समय पर भुगतान जो करते हैं इसलिए हम उपभोक्ता हैं और ग्राहक संतुष्टि विभाग का पहला कर्तव्य होता है ।
विद्युत विभाग भी मानसून आने से पहले मेंटनेंस कार्य करने का दावा करता है लेकिन जब जरा सी हवा चलती है और हल्की सी बूंदाबांदी होती है और बिजली चली जाती है तो फिर विद्युत विभाग के दावे पर सवाल उठते हैं और उठते रहेंगे।
यह सब किसी एक साल की समस्या नहीं है,हर साल इसी तरह की समस्या से जूझना पड़ता है पर इस सबसे विभाग ने क्या सबक लिया है और अपनी कार्यप्रणाली में क्या सुधार किया है यह तो वही जाने ,बहरहाल इस समस्या को लेकर पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए कि बिजली गुल क्यों हो रही है तब तक तो हम भी यही कहेंगे कि क्षेत्र में बिजली प्रदाय व्यवस्था भी रामभरोसे ही चल रही है।
सुनने समझने वाला जिम्मेदार रहते है तब किसी बात अति होता है सुनने समझने वाला है नहीं तो सब सही है…