Crime Against Women: महिला अपराधों पर गृह मंत्रालय की एडवाइजरी, हर हाल में एक्शन लें राज्य सरकारें.
देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। हाथरस कांड में शुरुआती स्तर पर जिस तरह से पुलिस की लापरवाही सामने आई। उन कमियों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने कहा है। पीड़िता को अक्सर थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं। MHA ने कहा है कि महिला सुरक्षा के मामले में एफआईआर दर्ज करने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए। गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है।
मंत्रालय ने आईपीसी और सीआरपीसी के प्रावधान गिनाते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और राज्य इनका पालन सुनिश्चित करें। गृह मंत्रालय ने चेताया है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। बता दें कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में पुलिस की संवेदनहीनता अक्सर सामने आती रही है। एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की शिकायतें खूब आती हैं। इसके अलावा मेडिकल समय पर नहीं होना और जान बूझकर केस कमजोर करने जैसी शिकायतें लगातार सामने आती है।
पुलिस रेप के मामलों में अक्सर फोरेंसिक प्रक्रिया का पालन नहीं करती है। इससे ठोस सबूत नष्ट हो जाते हैं और केस कमजोर हो जाता है। गृह मंत्रालय ने जिस तरह से अपनी एडवाइजरी में जांच प्रक्रिया पर जोर दिया है। उससे लगता है कि पुलिस की कार्यशैली से सरकार भी संतुष्ट दिखी नहीं दे रही है। इसके चलते केंद्र को महिला अपराधों के लिए एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है।