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चुनावी निरंकुशता को लेकर राहुल गांधी ने बीजेपी पर उठाए सवाल, कहा- सद्दाम हुसैन और गद्दाफी भी कराते थे चुनाव

वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र की स्थिति में भारत की घटती स्थिति को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गाधी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि भारत अब एक “लोकतांत्रिक देश” नहीं रह गया है औऱ भारत को “चुनावी निरंकुशता” के रूप में देखा जा रहा है.

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय के साथ ऑनलाइन चर्चा के दौरान केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने वैश्विक लोकतंत्र की स्थिति में भारत की घटती स्थिति को लेकर सरकार पर सवाल उठाए.

वोट की रक्षा के लिए बने संस्थागत ढांचा

राहुल गांधी का कहना है कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी भी अपने देश में चुनाव करवाते थे और उन्हें जीतते थे. राहुल का कहना है कि ‘ऐसा नहीं था कि वे मतदान नहीं कर रहे थे, लेकिन उस वोट की रक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था.’

राहुल गांधी का कहना है कि ‘एक चुनाव सिर्फ उन लोगों से जुड़ा हुआ नहीं होता जो एक वोटिंग मशीन पर जाकर बटन दबाते हैं.’ उनका कहना है कि ‘एक चुनाव उन संस्थानों के बारे में है जो यह सुनिश्चित करते हैं कि देश में ढांचा ठीक से चल रहा है, चुनाव न्यायपालिका की कार्यप्रणाली के बारे में है और संसद में होने वाली बहस के बारे में है. इसलिए आपको वोट देने के लिए उन चीजों की आवश्यकता है.

भारत अब नहीं रहा “लोकतांत्रिक देश”: राहुल गांधी

राहुल का कहना है कि भारत अब एक “लोकतांत्रिक देश” नहीं रह गया है. राहुल ने स्वीडन के एक संस्थान की मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को “चुनावी निरंकुशता” के रूप में देखा जा रहा है, इसके साथ ही भारत में “लोकतांत्रिक स्वतंत्रता में गिरावट” भी देखने को मिल रही है.

बता दें कि स्वीडन की वी-डेम इंस्टीट्यूट ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि देश में 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में ‘राजनीतिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रताएं खत्म हो गई हैं.’ वहीं सरकार ने भी फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट पर जोरदार पलटवार किया है और कहा है कि देश ने अच्छी तरह से लोकतांत्रिक प्रथाओं की स्थापना की है.

राहुल गांधी का कहना है कि ‘भारत में लोकतंत्र की स्थिति बदतर हो गई है, हमें इस बारे में किसी मोहर की जरूरत नहीं है.’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका माइक एक बार संसद में “बंद” कर दिया गया था. उनका कहना है कि ‘मेरा माइक संसद में बंद कर दिया गया था और इसे टेलीविज़न पर प्रसारित नहीं किया गया था.’

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