छत्तीसगढ़

मीडिया का ध्यान विकास और सकारात्मक पत्रकारिता की ओर होना आवश्यक : कौशल चतुर्वेदी

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में समसामयिक संदर्भ और मीडिया विषय पर व्याख्यान आयोजित

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा समसामयिक संदर्भ और मीडिया विषय पर एक दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार व लेखक कौशल किशोर चतुर्वेदी मौजूद रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में मीडिया व समसामयिक मुद्दों पर बात रखते हुए कहा कि आज पत्रकारिता कर रहे छात्र समाज में अपनी महती भूमिका अदा करना चाहते हैं। मीडिया का ग्लैमर हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है, लेकिन इसके भीतर काम करने के बाद इसके महत्व और गंभीरता का पता चलता है।

आज मीडिया के समक्ष कई चुनौतियां हैं। इसमें लगातार बेहतर काम करने के लिए एथिक्स के साथ पत्रकारिता करनी पड़ती है। मीडिया की शुरुआत मिशन से हुई थी और अब प्रोफेशन तक पहुंच गई है। पत्रकारों को मीडिया की चकाचौंध से बचते हुए जनहितकारी, विकासात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता की ओर ध्यान देना चाहिए। अपनी अभिव्यक्ति के आप स्वयं मालिक हैं, पर पत्रकार के तौर सुचिता को बनाए रखना आपका दायित्व और कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि कोई पत्रकार हो या संस्थान वो एक पक्षपातपूर्ण एजेंडा के साथ आगे नहीं बढ़ सकता। श्री चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अच्छा पत्रकार बनने के लिए भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र व संविधान की जानकारी के साथ सामान्य ज्ञान की अच्छी जानकारी चाहिए। इससे वे बेहतर पत्रकारिता कर सकते हैं। पढ़ने की आदत व विषय विशेष का ज्ञान उनकी पत्रकारिता को निखारने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि सम-आचरण की भावना को अपनी पत्रकारिता के मूल में रखें। सभी समस्याओं से जूझते हुए अपने को सिद्ध करने के बाद ही पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता अर्जित की जा सकती है।

कार्यक्रम के संयोजक एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान दौर परिवर्तन का है। मीडिया का रूप व कंटेंट बहुत तेजी से बदल रहा है। बदलते दौर में तकनीक के साथ विद्यार्थियों को मीडिया के कंटेंट को समझना आवश्यक है।

विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी ने कहा कि अलग-अलग प्लेटफॉर्म के आ जाने से मीडिया में चुनौतियां बढ़ी हैं, जिससे कार्यक्षेत्र में बदलाव साफ नजर आ रहा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक दक्ष होने की आवश्यकता है। मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक सबका कलेवर बदला हुआ नजर आता है।

आभार व्यक्त करते हुए भाषा विभाग की समन्वयक डॉ. वैशाली गोलाप ने कहा कि पत्रकारिता के मूल में भाषा की शुद्धता आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन वर्षा शर्मा ने किया।

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