जल है तो कल है
जल है तो कल हैदेश प्रदेश में पानी की समस्याहर वर्ष गर्मियों में देश के बहुत से राज्य पानी की समस्या से जूझते हैं। भारत, जहां पानी के प्राकृतिक स्रोतों की भी कमी नहीं मानी जाती थी, वहां भी पानी का संकट पैदा हो जाता है। लेकिन सोचने और विचार करने वाली बात तो यह है कि आखिर क्यों देश में पानी का संकट पैदा होता है? किसी ने यह भी बहुत ही सही कहा है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए भी हो सकता है क्योंकि आज हमारे देश में ही नहीं, बल्कि विश्व के दूसरे देशों में भी पानी की कमी महसूस की जा रही है। हमारे देश में फिर भी अभी तक कुछ क्षेत्रों में पीने वाला साफ पानी बहुत आसानी से नसीब हो जाता है, लेकिन जिनको पानी आसानी से नसीब हो जाता है, वे पानी की कद्र न करते हुए उसे फिजूल ही बर्बाद करते रहते हैं। लेकिन पानी की कीमत तो उनसे पूछनी चाहिए जिन्हें पानी बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है। आज जल प्रदूषण और वनों के अंधाधुंध कटाव के कारण पीने वाले साफ पानी की बहुत कमी बहुत से क्षेत्रों में महसूस होने लगी है। भूजल का स्तर पहले ही बहुत नीचे जा चुका है और खासतौर पर गर्मियों के मौसम में तो जलस्तर बहुत ही नीचे चला जाता है। इसके कारण हमारे देश प्रदेश में बहुत से क्षेत्रों के लोग पीने वाले पानी को तरस जाते हैं। कुछ लोगों को तो पीने के लिए साफ पानी प्राप्त करने के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल जाकर पानी प्राप्त करना पड़ता है। आज भारत के बहुत से राज्यों में भूजल का स्तर भी गिरता जा रहा है जो कि भारत में जल संकट लाने का काम कर रहा है। अगर भारत में भू-जल स्तर इसी रफ्तार से गिरता गया और उद्योग घरानों द्वारा नदियों को गंदा किया जाता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में भी पीने लायक पानी की बूंद-बूंद को तरसना पड़ सकता है। इसलिए हमें समय रहते सचेत हो जाना चाहिए।