आइपीएफ अब सिर्फ रेलवे के सामानों की सुरक्षा ही नहीं कर रही है,बल्कि उसपर यात्रियों के भी जानमाल के हिफाजत की जवाबदारी है। यही सोशल पुलिसिंग है। दोपहर 12.30 बजे उत्कल एक्सप्रेस से आरपीएफ के आईजी अपने सैलून में पहुंचे। सीनियर डीएससी सहित रायगढ़ पोस्ट के जवानों ने उनकी आगवानी करते हुए ऑक्सीजन प्लांट और फ्लावर बुके देकर स्वागत किया। हालांकि बाद में उन्होंने जवानों के बैरक में आयोजित विशेष कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में आईजी ने कर्मचारियों को आधुनिक संचार के इस्तेमाल पर जोर दिया। इसके अलावा बल को मजबूत करने के लिए डॉग स्क्वायड, जवानों की संख्या के साथ साथ सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की बात कही। इस दौरान आरपीएफ आईजी ने जवानों के रहने खाने पीने के इंतजाम और अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरपीएफ की भूमिका में हो रहें बदलाव को बताया। आरपीएफ अब सिर्फ रेलवे के सामानों की सुरक्षा ही नहीं कर रही है, बल्कि उस पर यात्रियों के भी जानमाल के हिफाजत की जवाबदारी है। यही सोशल पुलिसिंग है।
लोहा व कोयले की चोरी पर विशेष नजर
मीडिया से बातचीत के दौरान सिन्हा ने कहा कि चूंकि रायगढ़ एक औद्योगिक जिला है और यहां कोयले व लोहे की चोरी के मामले भी लगातार आये। हैं। यही वजह है कि इसपर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इनके लिए हर स्टेशन पर जवानों की 12-12 घंटे ड्यूटी लगाई जा रही है। झाराडीह से लेकर जामगांव तक नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी आरपीएफ में बहुत अच्छा काम किया है। खासकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रैक व यात्रियों की सुरक्षा व व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा। इसी के कारण ही एसईसीएल व जोनल स्टेशन बिलासपुर अंतर्गत कोई भी घटना या समस्या नहीं आई जिसकी प्रशंसा रेलवे बोर्ड व रेल मंत्री भी कर चुके हैं।