श्रीमदभागवत का बयार बसनाझर में

श्रीमदभागवत कथा का भंडारे के साथ हुआ समापन ,श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया
खरसिया नगर के समीप ग्राम बसनाझर में चल रही 9 दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णाहुति, सहस्रधारा स्नांन, चिकट, ब्राम्हाण भोज एवं समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम के आयोजक श्रीमती मुनु बाई मोहित राम राठिया ग्राम सरपंच एवं निवेदक अमीता सरदार पटेल ने बताया कि कथा के समापन के उपरांत क्षेत्र के सभी ग्रामवासियों को भंडारे के लिए आमंत्रित किया गया। यहां 9 दिनों तक चली भागवत कथा में धर्मप्रेमी श्रोतागण भाव विभोर होकर भक्ति रस का आनंद ले रहे थे और शाम 3 बजे से 6 बजे तक चलने वाली कथा का श्रवण करते हुए अपने जीवन को सफल बनाते हुए भगवान से सफल जीवन की कामना करते हुए अपने ग्राम एवं क्षेत्र में समृद्धि शांति की कामना कर रहे थे।
महाराज वेद विभूषण चि.दिनेश द्विवेदी ने कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण एवं राधा के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए प्रेम का संदेश दिया।
भगवान ने प्रेम का पाठ पढ़ाते हुए भाइचारे का संदेश दिया और समाज में शांति व्यवस्था कायम की तथा सोलह कलाओं से पूर्ण भगवान श्री कृष्ण ने सभी शास्त्रों का कौरव-पांडवों को ज्ञान कराया। लेकिन संपूर्ण महाभारत में धर्म की विजय हुई और अधर्मियों का साथ देने वालों का पतन हुआ। पूर्णाहुति 9 बजे प्रारंभ हुआ तथा सहस्रधारा स्नांन 12:30 बजे के समापन के उपरांत 01 बजे भंडारा आरंभ हुआ।