जांजगीर।छत्तीसगढ़ के जांजगीर स्थित मड़वा पावर प्लांट में हुए उपद्रव से करीब डेढ़ करोड़ रुपए के नुकसान हुआ है। अभी आंकलन जारी है। उपद्रव में सरकारी, पुलिसकर्मियों की गाड़ियों और स्कूल बस में भी आगजनी व तोड़फोड़ की गई थी। उसका आंकलन अभी बाकी है। फिलहाल प्लांट प्रबंधन के प्राथमिक आंकड़े सामने आ चुके हैं। उसका जिक्र एसएआर में भी किया गया है। इस मामले में 400 लोगों पर FIR दर्ज है, लेकिन अभी तक सिर्फ 19 की गिरफ्तारी हो सकी है।आंदोलनकारी उग्र हो गए और पुलिस पर ही हमला कर दिया।जिले के मड़वा, तेंदूभांठा में अटल बिहारी ताप विद्युत गृह में 2 जनवरी की शाम को तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ था। 29 दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों ने हंगामा शुरू किया और फिर कार, 4-5 बाइक में आग लगा दी थी। इसके अलावा प्लांट में भी जमकर तोड़फोड़ की। पुलिसकर्मियों पर भी पथराव किया। हमले में 20-25 पुलिसकर्मियों को चोंटें आईं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।वहां खड़े वाहनों में आग लगा दी।बातचीत से पहले ही भड़की उपद्रव की आगआंदोलनकारियों ने 1 जनवरी से प्लांट के सामने प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच रविवार को प्रशासनिक अधिकारी और आंदोलनकारियों के बीच में बातचीत होनी थी। पहले राउंड की बातचीत हुई भी थी, पर विफल रही। इसके बाद शाम 5 बजे से सीनियर अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों की बातचीत होनी थी। आंदोलनकारियों का 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल अंदर भी जा चुका था। इससे पहले ही बवाल हो गया।उपद्रवियों ने एंबुलेंस भी नहीं छोड़ी, उसमें भी तोड़फोड़ की थी।गैरहाजिर संविदा कर्मियों पर भी शुरू हुई कार्रवाईवहीं पुलिस और प्रशासन ने भूविस्थापित संविदा कर्मियों के कार्यस्थल व उनके मुख्यालयों से संपर्क किया है। भूविस्थापित संविदाकर्मियों की कार्यस्थल से गैरहाजिरी को कार्रवाई का आधार बनाया जा रहा है। हालांकि इस बीच पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा के ट्रांसफर के चलते कार्रवाई धीमी पड़ गई। अब नए SP ने आने के बाद फिर कार्रवाई में तेजी लाने की बात कही है।प्लांट के दफ्तर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।कोरोना की वजह से जांच की रफ्तार धीमीनव पदस्थ SP अभिषेक पल्लव ने बताया कि कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल जांच टीम को शिथिल किया गया है। जांजगीर सहित जिले के कई थानों में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। लगातार पुलिसकर्मी संक्रमित हो रहे हैं और ऐसे में जांच स्वाभाविक रूप से प्रभावित हो रही है। कोरोना का प्रभाव कम होते ही नए सिरे से जांच को आगे बढ़ाया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।प्रदर्शनकारी हथियार लेकर प्लांट में दाखिल होने का प्रयास करने लगे थे।