गांव में गौठान बनने से खुली पशु चराई रूकी तो बढऩे लगा रबी फसल का क्षेत्र
राजनांदगांव – शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरूवा एवं बाड़ी अंतर्गत गांवों में बनाये गये गौठानों में पशुओं के लिये पानी, छांव, पशु चारा लेकर पशु टीकाकरण की व्यवस्था होने से गौपालक अब पशुओं को गौठानों में भेज रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम गांवों में रबी फसल का रकबा बढऩे से देखने को मिल रहा है। शासन द्वारा जिले को विशेष रूप से रबी फसल का रकबा बढ़ाने के लिये उतेरा पद्धति को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रोत्साहित करने कहा गया था।
उतेरा पद्धति छत्तीसगढ़ में रबी के दलहन, तिलहन फसल लेने के लिये एक पारपंरिक पद्धति है, जिसमें धान कटाई के बाद संरक्षित नमी में फसलों की बुआई की जाती है। जो पिछले कुछ सालों से पशुओं की खुली चराई बढऩे के कारण धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही थी। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशानुसार उतेरा पद्धति को पुर्नजीवित करने के लिये इस बार विशेष कार्ययोजना तैयार कर गांवों में ग्राम चौपाल व रोका छेका अभियान के तहत रबी फसल का रकबा बढ़ाने के लिये कृषि विभाग द्वारा विशेष पहल की गई। जिसके कारण इस वर्ष 28000 हेक्टेयर क्षेत्र में उतेरा पद्धति के माध्यम से दलहनी एवं तिलहनी फसलों का रकबा बढ़ा है, जो पिछले वर्ष 21 हजार क्षेत्र में था। इस प्रकार इस वर्ष 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन, तिलहन क्षेत्र में वृद्धि हुई है।
विशेष बात यह है कि वर्ष 2019-20 में जिले में रबी का रकबा 1 लाख 67 हजार हेक्टेयर था, जो वर्ष 2020 में गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने के बाद बढ़कर 1 लाख 77 हजार हेक्टेयर क्षेत्र तक पहुंच गया है। उतेरा फसल के संबंध में विकासखंड अंबागढ़ चौकी के ग्राम बिहरीकला के कृषक अनिल ठाकुर द्वारा बताया गया कि पशुओं की खुली चराई बढऩे के कारण छोटे-छोटे रकबे वाले किसान रबी फसल लेने से कतराते थे, परन्तु जब से गौठानों में शासन द्वारा पशुओं के लिये हरसंभव व्यवस्था की गई है तब से पशु दिनभर गौठानों में रहते हैं। जिसके कारण किसान अब बेफिक्र होकर रबी की फसल ले रहे है, जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी।
इसी प्रकार मानपुर विकासखंड के ग्राम फूलकोड़ो के कृषक श्याम लाल भूआर्य, मंगलराम एवं भुनेश्वर तारम व अन्य कृषकों ने रोका छेका अभियान तथा गौठान की सुव्यस्थित व्यवस्था को अपने लिये सार्थक मानते हुए रबी में दलहन, तिलहन फसल लेकर आय में वृद्धि के लिये संतोष व्यक्त किया है।