छत्तीसगढ़रायगढ़

आवासीय विद्यालय झगरपुर व जमरगा में स्टीम कुकिंग सिस्टम से बन रहा छात्राओं के लिए भोजन

रायगढ़।  राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित जिले में लैलूंगा व धरमजयगढ़ विकासखंड के दो शासकीय आवासीय विद्यालय ऐसे है जहां अध्ययनरत लगभग 200 से अधिक छात्राओं के लिए स्टीम कुकिंग सिस्टम से शुद्ध व पौष्टिक खाना बनता है।

जिले के शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय झगरपुर विकासखंड लैलूंगा एवं शासकीय आवासीय विद्यालय जमरगा विकासखंड धरमजयगढ़ विद्यालय में कक्षा छठवीं से लेकर 12वीं तक अध्ययनरत लगभग 200 छात्राओं के लिए एक साथ एक ही समय में खाना तैयार किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि यह स्टीम कुकिंग सिस्टम शासन के डीएमएफ  फंड के सहयोग से प्राप्त हुआ है। जिले के इन दो आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत इन छात्राओं के लिए प्रतिदिन एक ही समय में कम लागत व कम समय में खाना तैयार करना एक चुनौती से कम नहीं थी। किन्तु स्टीम कुकिंग उपकरण सिस्टम द्वारा अब इन विद्यालयों में धुंआ रहित वातावरण में एक ही समय में कम लागत व कम समय में, भाप से पके गरम पौष्टिक चावल, दाल व सब्जी उपलब्ध हो रही हैं। पारंपरिक तरीके से खाना बनाने की जगह अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक, कम लागत व कम समय में एक साथ अधिक मात्रा में भोजन तैयार करने की यह नवाचारी स्टीम कूकिंग उपकरण सिस्टम की अपनी उपयोगिता व विशेषता है। स्टीम कुकिंग सिस्टम के जरिए यहां खाना बनाया जाने से जहां लागत और समय दोनों की बचत तो हो रही है साथ में एक साथ इतनी छात्राओं को भाप से बना पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध हो रहा है। उल्लेखनीय है कि स्टीम कुकिंग सिस्टम में खाना बनाने वालों रसोइयों को इन नवाचारी स्टीम कूकिंग सिस्टम में खाना तैयार के लिए बकायदा प्रशिक्षित भी किया गया है।

कैसे तैयार होता है यहां खाना
स्टीम कुकिंग सिस्टम में बड़े-बड़े कंटेनर लगे होते होते हैं जिनमें भाप से भोजन तैयार किया जाता है। इसमें बॉयलर और स्टीम जनरेटर एक बड़ा पतीला भी लगा होता है जिसमें कम मात्रा में लकड़ी इंधन के दहन के द्वारा मिलने वाली ऊष्मा के उपयोग से पानी को गर्म कर भाप तैयार किया जाता है। उपकरण में लगे वाल्व के जरिए खाना पकाने के लिए आवश्यक ऊष्मा व दाब वाली भाप को जेनरेट व नियंत्रित कर खाना पकाने वाले कंटेनर की ओर प्रवाहित किया जाता है। जहां खाना पकाने वाले कंटेनरों में धुले कच्चे चावल, दाल व सब्जियों को इस भाप के द्वारा पकाया जाता है।

क्यों पौष्टिक होता है भाप से बना खाना और क्या है इसके फायदे
स्टीम जनरेटर स्टीम कुकिंग सिस्टम में भाप से बना खाना बहुत पौष्टिक और हेल्दी माना जाता है। इसमें धमनियों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला बैड कोलेस्ट्रॉल नहीं होता इसलिए इसे छोटे बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। खाना पकाने के लिए स्टिमिंग एक अच्छा तरीका है इसे तैयार करने में ज्यादा इंधन की जरूरत नहीं पड़ती है साथ ही यह सस्ता और फायदेमंद तरीका है। भाप पर पका खाना लो कैलोरी फूड होता है, इसमें ज़्यादा घी या तेल की जरूरत नहीं होती इसलिए यह फैट फ्री भी माना जाता है जिससे वजन नहीं बढ़ता, पचाना आसान होता है। भोजन को भाप में पकाने से उसमें मौजूद फाइबर नरम हो जाते हैं, सब्जियों का फाइबर नरम होने से पचना आसान हो जाता है और फाइबर की मदद से शरीर को सभी पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती है। साथ ही भाप में बना खाना सब्जियों के रंग और आकार को बनाए रखता है, इससे सब्जियां और फल खाने से ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं। भोजन चिपचिपा महसूस नहीं होता और भोजन का स्वाद भी बरकरार रहता है। अन्य तकनीक से बने खाने की तुलना में भाप में पका खाना ज्यादा पौष्टिक इसलिए भी माना जाता है कि इसमे पका खाना ना तो जलता है ना ही इसमें कोई हानिकारक तत्व पैदा होते हैं। बल्कि इसमें अनाज के सभी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं।

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