अपने-अपनों के दर्द को संगीत में पिरो कर बना रहे गीत
मुरली अग्रवाल का नया एल्बम रहनुमा…अपने-अपनों के दर्द को संगीत में पिरो कर बना रहे गीत
पारिवारिक एवं व्यावसायिक जिंदगी होने के बाद युवावस्था में ही पत्नी के निधन हो जाने पर उन्होंने गीत की रचनाकर खुद को बहलाया। ऐसे में दो एलबम तेरी आंखें और कहता है दिल रिलीज हुए। परंतु जब युवावस्था में ही बेटा चल बसा तो दर्द ने पुनः गीत संगीत का सहारा लिया। यहीं से मुरलीधर अग्रवाल का फिल्मी सेक्टर में रुझान बढ़ता चला गया। टी सीरीज के भूषण कुमार ने उनके गीतों को पढ़ा और पसंद करते हुए कमली-कमली नामक एलबम बनाया, जो सुपरहिट रहा। फिर गणेशा गीत एवं दुर्गा पूजा के गीत की सफलता के बाद मुरलीधर की मांग बढ़ने लगी। तब तो सोनी टीवी, नाईन-एक्स और ज़ी टीवी तक ने उन्हें अवसर दिया। ज़ी टीवी से रिलीज एलबम जिंदगी तुझसे क्या करें शिकवा की सफलता ने मुरलीधर को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया। वहीं गीतकार से निर्देशन एवं निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रवाल ने कदम रखा। रहनुमा एलबम आज 17 जनवरी को रिलीज होने वाला है। जिसमें राज आसू ने संगीत दिया है, विजे भाटिया तथा साध्वी सिंह ने अभिनय किया है। मुरलीधर अग्रवाल द्वारा निर्देशित इस एलबम की निर्माता उनकी बेटी सना बजाज हैं।
स्कूल में हर वर्ष फिल्मी कलाकारों को वार्षिक उत्सव में बुलाए जाने का उद्देश्य बताया कि किसी भी फिल्मकार का नजर हमारे स्कूल में पढ़ रहे प्रतिभावान छात्रों पर पड़ गया जैसे पूर्व में आपने देखा सुना और पढ़ा होगा की राह चलते या स्टेशन में काम करने वाले व्यक्ति से प्रभावित होकर फिल्म जगत नामी कलाकार के कृपा दृष्टि से आज फिल्म जगत में काफी नाम बटोरा है ऐसे हमारे क्षेत्र के किसी छात्र छात्रा पर पड़ जाता है तो मेरा सोची गई सोच सफल होगा और मेरे छत्तीसगढ़ खरसिया के लोग फिल्म जगत में अपना नाम और क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे।मै स्वयं हमारे छत्तीसगढ़ के कई कलाकारों को सहयोग कर सफ़लता के लिए हर सम्भावित परिस्थितियों में सफलता के लिए सहायता करता हुं ।सोशल मीडिया में चल रही तथाकथित जाति समाज को उद्वेलित करने वाली वीडियो के संबंध में उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें एक दूसरे की जाति धर्म और व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए किसी जाति विशेष या क्षेत्र विशेष के लोगों पर अपमानित कर आप सम्मानित नहीं हो सकते वहीं यह भी कहा कि उपरोक्त मामले में मुझे पूर्ण जानकारी नहीं है इसलिए इसमें आगे कुछ कहना उचित नहीं होगा परंतु एक दूसरे का सम्मान करने से सामाजिक सौभाग्य वातावरण निर्मित होता हैफिल्म जगत से होने वाले आए को सामाजिक गतिविधियों के लिए ट्रस्ट बनाकर खर्च किए जाने की मंशा जाहिर किया