छत्तीसगढ़रायगढ़

जल संरक्षण पर शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय का ऑनलाइन कार्यशाला संपन्न

15अगस्त के पूर्व 336 सोखता गड्ढे बनाने की योजना

रायगढ़। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एवं कुलाधिपति सुश्री अनुसूया उइके द्वारा किए गए अपेक्षा  के साथ विश्वविद्यालयों को लिखे गए पत्र संदर्भ में जल संरक्षण और वर्षा के जल को सुरक्षित रखने में एनएसएस के युवाओं की भूमिका विषय पर केंद्रित राष्ट्रीय सेवा योजना शहीद नंदकुमार पटेल विश्व विद्यालय द्वारा ऑनलाइन वेबीनार सह कार्यशाला का आयोजन 18 मई मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ.ललित प्रकाश पटैरिया की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य अधिकारी डॉ.समरेंद्र सिंह के मुख्य आतिथ्य में विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.के.चंद्राकर, डिप्टी रजिस्ट्रार प्रकाश त्रिपाठी, असिस्टेंट रजिस्ट्रार शैलेंद्र दुबे, राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. सुशील कुमार एक्का एवं रायगढ़ जिला के अग्रणी महाविद्यालय प्राचार्य अंजनी कुमार तिवारी, जांजगीर-चांपा के जिला संगठक प्रो.भूपेंद्र कुमार पटेल एवं रायगढ़ जिला संगठक भोजराम पटेल के विशिष्ट सहभागिता में संपन्न हुआ ।

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जिसमें जल संरक्षण विषय पर विचार मंथन एवं भावी कार्ययोजना पर बहुमूल्य सुझाव दिए गए । कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. सुशील कुमार एक्का ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों के साथ रायगढ़ एवं जांजगीर-चांपा जिला से जुड़े एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों का विशेष रूप से अभिनंदन किया एवं ऑनलाइन मीटिंग के उद्देश्यों को बताया I कार्यक्रम का संचालन करते हुए जांजगीर-चांपा जिला के संगठक प्रो.भूपेंद्र कुमार पटेल ने “वाटर कंजर्वेशन एंड कैच द रेन” विषय पर अपनी प्रस्तावना  उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए क्रमशः सभी अतिथियों को वक्तव्य के लिए आमंत्रित किया। आभार प्रदर्शन रायगढ़ जिला संगठक भोजराम पटेल द्वारा किया गया।ऑनलाइन वर्चुवल मीटिंग में सभी कार्यक्रम अधिकारियों को अपने संस्था, गोद ग्राम एवं स्वयं के घरों में सोख्ता गड्ढा बनाने का लक्ष्य देते हुए 15 अगस्त के पूर्व पूरे विश्व विद्यालय क्षेत्र अंतर्गत 336 सप्ताह गड्ढा निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया।

निस्वार्थ सेवा करने वाले होते हैं स्वयंसेवक -के.के. चंद्राकर

ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग में विश्वविद्यालय के कुलसचिव के.के. चंद्राकर ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना ग्रामीण स्तर पर काम करने वाला एक ऐसा यूनिट है जिसके अधिकारी एवं स्वयंसेवक नि:स्वार्थ रूप से काम करते हैं आप सभी सेवा भाव से जल संरक्षण संबंधी कार्य को भी मूर्त रूप देने में अपनी अहम भूमिका निभायें और अपने विश्वविद्यालय राशियों का नाम रोशन करें।

जल है तो जीवन है – कुलपति डॉ.पटैरिया

 कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ. ललित प्रकाश पटैरिया ने कहा कि जल है तो जीवन है.! हम लोगों का जल के प्रति उदासीनता का भाव एवं भू जल के बेतरतिब दोहन से वाटर लेबल नीचे गिर रहा है। पूर्व में हमारे गांव में बड़े बड़े तालाब हुआ करते थे उनमें जल की आपूर्ति होती थी और भूमिगत जल का भी संरक्षण होता था। धीरे धीरे हमने तालाबों को पाट कर वहां कब्जा कर लिए और जल संरक्षण से विमुख हो गए जिससे आज सभी तरफ जल संकट की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके लिए राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। हमें ऐसे कार्य करने होंगे जिससे भूजल का स्तर ऊपर उठे और वर्षा के जल को भी हम संरक्षित कर प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकें | 

संकट को देखकर ही समाधान खोज रहे हम -डॉ. समरेंद्र सिंह

इस अवसर पर राज्य एनएसएस अधिकारी डॉ.समरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों की भूमिका एवं जमीनी स्तर पर उनके कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने वर्तमान परिस्थिति को कबीर दास जी के दोहा से जोड़ते हुए कहा कि -दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई..यह आज जल संकट पर भी लागू हो रहा है। हम संकट को देखकर समस्या के लिए समाधान ढूंढने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति के साथ संबंध बनाते हुए पेड़ पौधे, नदी, तालाब, जंगल, पर्वत सब में देव स्वरूप का भाव स्थापित कर इनके पूजन का विधान इसलिए स्थापित किया था कि हम अपने प्रकृति के प्रति सम्मान भाव स्थापित कर सकें I उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवक युवा वर्ग से आते हैं वे सभी मिलकर वर्षा जल को संरक्षित करने की दिशा में कार्य योजना बनाकर विशेष प्रयास कर सकते हैं जिसका परिणाम हमें देखने को मिलेगा और नव स्थापित शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय का नाम राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिष्ठित होगा।

एनएसएस गतिविधियों के संचालन पर दिया गया मार्गदर्शन….

इस अवसर पर अधिकारियों के उद्बोधन पश्चात सभी कार्यक्रम अधिकारियों को एनएसएस इकाइयों के कार्यक्रम एवं विविध गतिविधियों के संदर्भ में मार्गदर्शन देते हुए उन्हें अपने इकाईयों के वित्त लेखा ,ए, बी,सी प्रमाण पत्र परीक्षाओं के आयोजन, गोद ग्राम की जानकारी एवं समय पर प्रतिवेदन प्रेषित करने के संदर्भ में विशेष मार्गदर्शन दिया गया जिसमें प्रो. भूपेंद्र कुमार पटेल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारियों की भूमिका को अहम बताते हुए सक्रिय होने का आह्वान किया एवं विश्वविद्यालय  कार्यक्रम समन्वयक  डॉ. सुशील कुमार एक्का ने और अधिक उत्साह के साथ हर स्थिति परिस्थिति में रचनात्मक एवं सामाजिक कार्यों को गति देने की आवश्यकता बताई।इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवाल एवं उनकी जमीनी स्तर पर समस्याओं के समाधान की दिशा में उपाय भी बताए गए।

कार्यक्रम में इनकी रही विशेष भागीदारी …..

राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा जल संरक्षण एवं वर्षा जल को सुरक्षित रखने के लिए आयोजित विशेष कार्यक्रम में रायगढ़ जिला से प्राचार्य उत्तम मेमोरियल कॉलेज गोमती सिंह प्राचार्य पुसौर अक्षय कुमार सतपथी, प्राचार्य अभिमन कॉलेज अनुषा कातोरे, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र चक्रधारी, ताम्रध्वज सिंह पैकरा, नीति देवांगन, प्रीति तन्ना, पुष्पांजलि दासे, सौदागर चौहान, विश्वजीत साव, बुद्धदेव मिश्रा, उत्तरा सिदार, लोकेश्वर पटेल प्रमिला पटेल, जानकी साहू, नम्रता जलक्षत्री, जांजगीर-चांपा जिला से कार्यक्रम अधिकारी डॉ. देवेंद्र शुक्ला, स्नेहा थवाईत, डॉ.हरप्रीत कौर, डॉ.आभा सिन्हा, अजय बघेल, डॉ.अभय सिन्हा, वर्षा यादव, , डॉ.एफ.आर. भारद्वाज (प्राचार्य ) डॉ. जे.एस. बीरदी, पी.आर. कठोतिया, पितांबर राय, राधेलाल सांडे, राजेंद्र विजयकर, राकेश मिश्रा, रविशंकर नारंग, रविंद्र थवाईत,ऋषि चंद्रा,संजय बघेल, शशिभूषण द्विवेेेदी टीकाराम सारथी  इत्यादि कार्यक्रम अधिकारियों  की विशेष सहभागिता रही।

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