धनागर के हीरे की चमक दिल्ली तक…राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित हुआ धनागर का कृष्णकुमार पटेल

रायगढ़। डिजिटल निमोनिक्स विधि से विज्ञान के अध्ययन को रोचक बनाकर विद्यार्थियों को सरलतापूर्वक सीखने की विधि विकसित करने वाले ग्राम धनागर निवासी एवं जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा (जांजगीर- चांपा ) में पदस्थ शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल ने कोरोना काल में सैकड़ों वीडियो लेसन और ई कंटेंट तैयार करके ऑनलाइन कक्षा एवं यूट्यूब के साथ-साथ विविध सोशल माध्यमों द्वारा विद्यार्थियों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाई. उनके इस योगदान के लिए सत्र 2019 के उत्कृष्ठ शिक्षक आईसीटी उत्कृष्ठ शिक्षक अवार्ड के लिए उन्हें चयनित किया गया । यह एक सुखद संयोग है कि एक विज्ञान शिक्षक को विज्ञान दिवस मे विज्ञान शिक्षकों का सबसे बड़ा पुरस्कार राष्ट्रीय आईसीटी अवार्ड केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने नई दिल्ली के अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय भवन के नालंदा सभागार में 28 फरवरी को आयोजित पुरस्कार समारोह सेरेमनी फॉर स्कूल टीचर्स में प्रमाण-पत्र और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में उन सभी स्कूली शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया, जिन्होंने सूचना और संचार तकनीक का प्रयोग कर शिक्षण को बच्चों के लिए रोचक और ग्राह्य बनाया है। शिक्षक के.के. पटेल ने टाटा संस्थान मुंबई से रिफेक्टिव टीचिंग विथ आई.सी.टी. सीएलआई एक्स का कोर्स भी किया है, साथ ही ओरेकल फौंउंडेशन के मॉड्यूल, एलिस थ्री डी सॉफ्टवेयर ,ओलैब सिमुलेशन इत्यादि के प्रशिक्षण प्राप्त कर विद्यालय के मास्टर ट्रेनर भी हैं, जिसका लाभ विद्यालय के बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी हो रहा है। नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय संयुक्त सचिव स्कूल शिक्षा एवं साक्षारता विभाग श्री एल. एस. चांग, निदेशक एनसीईआरटी डॉ. निदेश प्रसाद सकलानी, संयुक्त निदेशक सी. आई.ई.टी. श्री अमरेन्द्र प्रसाद बेहरा भी उपस्थित थे।
कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि इस सम्मान के लिए विजेताओं का चयन गत वर्ष 2021 में ही कर लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण पुरस्कार वितरण राष्ट्रीय स्तर पर सम्भव नहीं हो पाया था। प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल आइसीटी पुरस्कार का आयोजन किया जाता है, जिसमें पुरस्कार विजेता को सीआइईटी दिल्ली के सौजन्य से रजत मेडल, प्रशस्ति पत्र, लैपटाप, पेन ड्राइव व अन्य आइसीटी संबंधित सामग्री को में पुरस्कार के रूप में दिया गया। यह पुरस्कार उन्हें कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा प्रदान किया गया। धनगर निवासी कृष्णकुमार पटेल की इसको गौरव पूर्ण उपलब्धि पर उनके मित्र भोजराम पटेल, राजेश पटेल, किरण कुमार पटेल, रमेश कुमार पटेल, भास्कर यादव, प्रभाकर पटेल सहित उनके लिए ग्राम के जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल एवं पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने अपने गांव के होनहार शिक्षक की इस गौरव पूर्ण उपलब्धि पर बधाई देते हुए उनके उज्जल भविष्य की कामना की है ।
कौन है कृष्णकुमार पटेल….
यूट्यूब चैनल में 13 हजार से अधिक सब्सक्राइबर…
ग्राम धनागर जिला रायगढ़ निवासी कृष्ण कुमार पटेल जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा जिला जांजगीर-चांपा में विज्ञान शिक्षक हैं. विगत कई वर्षों से विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास एवं उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने के लिए योगदान करते रहे हैं. सीमित संसाधनों द्वारा अपने घर में ही छोटा सा स्टूडियो सेटअप कर के मोबाइल से ही सैकड़ों रोचक वीडियो बनाकर उसे विभिन्न सोशल माध्यम में अपलोड किए हैं. उनके यूट्यूब चैनल के. के. पटेल में 13000 से भी अधिक सब्सक्राइबर हैं. उनके इस नवाचार के लिए उन्हें यह अवार्ड दिया गया है ।

कोरोना काल में विज्ञान के लिए बनाया ई-कंटेंट –
कोरोना काल में के. के. पटेल द्वारा सूचना संचार तकनीक का बेहतरीन उपयोग करते हुए कई नवाचार विधियों को अपनाकर सैकड़ों शैक्षिक वीडियो क्लिप तैयार किए बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान विषय के लिए ई कंटेंट भी तैयार किया जिसे नवोदय विद्यालय समिति ने पूरे देश व विज्ञान शिक्षकों को उपलब्ध कराया। उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग वेबसाइट सीजी स्कूल डॉट इन में बहुत सारे वीडियो क्लिप भी अपलोड किए जिसे राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्कूली कार्यक्रम पढ़ाई तुंहर द्वार और मोहल्ला क्लास में दिखा रही है । नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए उनके द्वारा बनाए गए आईसीटी माड्यूल ™सपने बुनो नवोदय चुनो ™ से ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आवेदन की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई. वे कोरोना काल में बच्चों के लिए नियमित ऑनलाइन योगा क्लास संचालित करते थे । वे एनसीसी ऑफिसर भी हैं और पूर्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी भी रहे हैं..
छत्तीसगढ़ एवं नवोदय के आईसीटी राजदूत के रूप में नई भूमिका
शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए पटेल को राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली मान्यता अप्रत्यक्ष रूप से अपनी कक्षाओं में सामग्री-शिक्षाशास्त्र और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आईसीटी का व्यापक और उल्लेखनीय रूप से उपयोग करने के लिए ना केवल उन्हें बल्कि अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित करती है। इन आईसीटी पुरस्कार विजेताओं को अन्य शिक्षकों को अपने निरंतर सलाह के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी की पहुंच को व्यापक बनाने की प्रक्रिया में आईसीटी राजदूत के रूप में कार्य करने और एक कुशल श्रमशक्ति तैयार करने के उद्देश्य से छात्रों के बीच उद्यमशीलता संबंधी कौशल विकसित करने की जिम्मेदारी भी दी जा रही है।
केके पटेल ने बताया कि यह सम्मान और पुरस्कार ने उन्हें एक नई जिम्मेदारी दी है और वो इस दोहरी जिम्मेदारी को निभाने के लिए दोगुने जोश व उत्साह के साथ तैयार हैं।
यह हैं के के सर के भविष्य की योजनाएं एवं रणनीति…
नवोदय शिक्षक पटेल भविष्य की अपनी योजनओं और रणनीति के बारे में बताते हुए कहते हैं कि जहां हम भविष्य के लिए व्यक्ति और व्यक्तित्व निर्माण की बात कहते हैं तो एक ऐसे आईसीटी युक्त शिक्षा व्यवस्था के डिजाइन की जरूरत हमें पड़ेगी जहां पीछे की ओर देखने के बजाय हमें आगे बढ़ना होगा जो इक्कीसवीं सदी की स्किल के अनुरूप हो यह सच्चाई है और जरूरत भी। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार कोविड की वजह से शिक्षा क्षेत्र को हुए नुकसान की भरपाई को देखते हुए डिजिटल शिक्षा पर फोकस कर रही है।डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना और पीएम ईविद्या वन क्लास, वन टीवी चैनल कार्यक्रम को मौजूदा 12 से 200 टीवी चैनलों तक कर रही है। अतः वर्तमान और भविष्य में आईसीटी में अपार संभावनाएं हैं।
इसी तारतम्य में उनके द्वारा बताई गई कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं इस प्रकार से हैं :
1मोबाइल ऐप बनाना :- इससे संबंधित जरूरी तकनीकी पर उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है।स्क्रीन टच करते ही सारे ई कंटेंट, स्टूडेंट के पास हो जहां सभी वीडियो क्लिप्स मिले सभी ई कंटेंट ,नोट्स, आर्टिकल्स साइंस अपडेट सब कुछ उनके हाथों में हो। तो यह उनकी टॉप प्रायरिटी है।
2 वेबसाइट बनाना :- बहुत सारे ई कंटेंट वर्ड ,एक्सेल फॉर्मेट और पीपीटी के रूप में है। इन सभी कंटेंट को एक प्लेटफार्म पर लाना अर्थात वेबसाइट बनाना जहां कैरियर से संबंधित कार्नर भी हो।
3 ई बुक तैयार करना:- कक्षा आठवीं के बाद बिल्कुल उसी तरह की सॉफ्ट कॉपी या इबुक छठवीं और सातवीं की भी तैयार करना और उसे बच्चों तक उपलब्ध कराना इस वर्ष की उनकी प्रमुख प्राथमिकता होगी।
4साइंस स्टूडियो बनाना:- यह एक सपना है जिसे वो बहुत जल्द पूरा करना चाहते हैं। उनके अनुसार स्कूल में ही एक ऐसा जगह हो जहां स्टूडेंट भी आकर के वीडियो और ऑडियो क्लिप तैयार कर सके एनिमेशन बनाना सीख सके, मोबाइल एप्स और कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर के बारे में जाने, साथ ही इस स्टूडियो में उन्हें ग्रीन स्क्रीन, माइक्रोफोन और एडिटिंग टूल्स सभी एक ही जगह पर मिल सके।
5वर्चुअल साइंस लाइब्रेरी:- बच्चों के आर्टिकल्स वॉल मैगजीन साइनपोस्ट साइंस बुक्स रेफरेंसेस मैगजींस सभी इस वर्चुअल लाइब्रेरी में उपलब्ध हो.
इन प्राथमिकताओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि वर्तमान टीचिंग लर्निंग की प्रक्रिया रचनावाद के दौर से गुजर रही है निश्चित ही उसके सेंटर में स्टूडेंट है और शिक्षक के अंदर भी जब तक एक स्टूडेंट जिंदा है अर्थात सीखने की ललक बरकरार है तभी वह शिक्षक भी अपने अनुभव के साथ इस नए ज्ञान से ही नए ज्ञान का निर्माण कर सकते हैं।




