बंगाल : एक और टीएमसी विधायक ने दिखाए तीखे तेवर, कहा- कुछ लोग पार्टी को दीमक की तरह खोखला कर रहे
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। एक के बाद एक तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। इसी बीच और सौरव गांगुली की करीबी और टीएमसी विधायक वैशाली डालमिया ने पार्टी के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं। डालमिया ने कहा कि पार्टी में कुछ लोग दूसरों को काम नहीं करने दे रहे। ऐसे लोग दीमक की तरह पार्टी को अंदर ही अंदर खोखला कर रहे हैं।
वैशाली डालमिया ने कहा कि पिछले तीन चार सालों से पार्टी में लोग एक-दूसरे को काम नहीं करने दे रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं, जिनके दिल में कार्यकर्ताओं के लिए प्यार नहीं बचा और न ही इन्हें राज्य की जनता के भले की चिंता है। इन लोगों को सिर्फ अपने आप से मतलब है।
परेशान करने का लगाया आरोप
वैशाली ने कहा कि हाल ही में ममता सरकार के मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने दुखी होकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अब उन्हें पार्टी के लोगों के हमले का सामना करना पड़ रहा है। ये ऐसे लोग हैं, जो दूसरी पार्टियों से ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के अंदर ही लड़ते रहते हैं। इन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी कोई लगाव नहीं है। वैशाली ने बताया कि लक्ष्मी रतन भी इन्हीं सब वजहों के कारण पार्टी में काम नहीं कर सके, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया। घर, सड़क या किसी और काम के लिए कमीशन दिए बिना काम नहीं होता है। उन्होंने प्रशांत किशोर के कामकाज पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि वो भ्रष्ट लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण पद देते हैं। वैशाली डालमिया के मुताबिक, वो पार्टी के लिए अच्छा चाहती हैं, तभी इन मसलों को उठा रही हैं।
बता दें कि राज्य के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, उन्होंने अब तक विधायकी नहीं छोड़ी है। इसे पर ममता ने कहा था कि इस्तीफा कोई भी दे सकता है।
वैशाली पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का बेटी हैं और वर्तमान बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली की करीबी मानी जाती हैं। वह बल्ली विधानसभा से चुनाव जीतकर आईं थी।सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अटकलों पर वैशाली ने कहा कि वो उनका निजी मामला है।
बता दें कि बंगाल में इस साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा और टीएमसी के बीच की तकरार बढ़ती जा रही है। टीएमसी को पिछले कुछ दिनों में कई बड़े झटके लगे हैं। पहले शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी का दामन छोड़ा। उसके बाद अन्य भी कई विधायकों और नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।