छत्तीसगढ़

सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम में श्वेता के सपनों को लगे पंख, शिविर स्थल में ही बना लर्निंग लाइसेंस

कोरबा । कलेक्टर रानू साहू की पहल पर आयोजित किये जा रहे सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम नागरिकों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहे है। क्लस्टर वार आयोजित किए जा रहे शिविर में लोगों को राशन, पेंशन, फौती नामांतरण, किसान किताब, किसान क्रेडिट कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, कृषि उपकरण आदि का लाभ मिल रहा है। शिविर स्थल में परिवहन विभाग द्वारा लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का भी काम किया जाता है। 22 अप्रैल को विकासखंड कटघोरा के भिलाई बाजार में आयोजित सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम में भिलाई बाजार की रहने वाली स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा श्वेता पांडे के सपनों को पंख लग गए। श्वेता का लर्निंग लाइसेंस शिविर स्थल में ही बन गया। उन्हें शिविर स्थल में ही परिवहन विभाग द्वारा लर्निंग लाइसेंस बना कर दे दिया गया। लर्निंग लाइसेंस बनने के पश्चात अब श्वेता को दो पहिया वाहन चलाने की आजादी मिल गई है। श्वेता को आने-जाने के लिए दो पहिया वाहन चलाने का अधिकार मिल गया है। शिविर स्थल में ही लर्निंग लाइसेंस बन जाने से श्वेता काफी खुश हुई और प्रशासन द्वारा गांव में ही लाइसेंस बना कर देने की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन का आभार भी जताया। ड्रायविंग लाइसेंस की जरूरत न केवल वाहन चलाने के लिए जरूरी है बल्कि विभिन्न अवसरों व स्थानों पर यह एक वैध पहचान पत्र के रूप में पूरे देश में मान्य हैं।

जिला परिवहन अधिकारी शशिकांत कुर्रे ने बताया कि सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित किए जा रहे शिविरों में विभाग द्वारा लर्निंग लाइसेंस बनाने की सुविधा दी जा रही है। शिविर के माध्यम से लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए अब जिले की महिलाएं भी जागरूक हो रही है। शिविर के माध्यम से गांव में ही लर्निंग लाइसेंस बनने की सुविधा मिलने से महिलाएं स्वयं जागरूक होकर शिविर स्थल में आकर लाइसेंस बनवा रही हैं। उन्होंने बताया कि भिलाई बाजार में आयोजित किए गए शिविर में कुल 55 लोगों के लर्निंग लाइसेंस बनाये गए, जिसमें से छह महिलाओं के लर्निंग लाइसेंस शामिल हैं। इसी प्रकार जिले में अभी तक सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित किए गए चार शिविरों में अब तक कुल 26 महिलाओं ने लर्निंग लाइसेंस प्राप्त कर लिए हैं। प्रशासन द्वारा गांव – तक पहुंच कर लोगों की समस्याओं को सुलझाने की पहल से नागरिक गण प्रोत्साहित होकर शिविर स्थल में आ रहे हैं। बिना आरटीओ दफ्तर जाये लर्निंग लाइसेंस गांव में ही शिविर स्थल में मिल जाने से नागरिकों को बड़ी राहत मिल रही है।

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