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भारत में कोरोना एक्टिव केस घटकर 7 लाख से भी कम हुए, 24 घंटे में आए 54 हजार मरीज, 74 हजार ठीक हुए

नई दिल्ली:

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 भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन उससे 20 फीसदी ज्यादा तेजी से कोरोना मरीज ठीक भी हो रहे हैं. देश में कोरोना के एक्टिव केस घटकर अब सात लाख से कम हो गए हैं. अबतक 10 करोड़ लोगों का कोरोना सैंपल टेस्ट किया जा चुका है. कोरोना वायरस का कुल पॉजिटिविटी रेट 7.81% है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.8% है. कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का पॉजिटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 54,366 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए और 690 कोरोना संक्रमितों ने अपनी जान गंवाई है. बीते दिन 73,979 मरीज ठीक भी हुए हैं. वहीं देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 77 लाख 61 हजार तक पहुंच गई है. इनमें से एक लाख 17 हजार 306 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं रिकवरी मामलों की संख्या 69 लाख 49 हजार तक पहुंच गई है और एक्टिव केस की संख्या घटकर 6 लाख 95 हजार पर आ गई है.

एक्टिव केस के मुकाबले 9 गुना ज्यादा रिकवरी
संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में रिकवर हुए लोगों की संख्या 9 गुना ज्यादा है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कोरोना वायरस के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है. ICMR के मुताबिक, 22 अक्टूबर तक कोरोना वायरस के कुल 10 करोड़ सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 14 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई. पॉजिटिविटी रेट चार फीसदी से कम है.

सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में एक्टिव केस
देश के 22 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 से कम एक्टिव केस हैं. केवल केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 50,000 से ज्यादा एक्टिव मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं. एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है. कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है. मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है.

राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. मृत्यु दर गिरकर 1.51% हो गई. इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी 10 फीसदी से कम है. इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 89 फीसदी है. भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है.

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