गाय के गोबर से बनी एंटी रेडिएशन चिप लॉन्च, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का दावा- इससे सबकी रक्षा होगी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि गाय के गोबर से बने चिप में रेडिएशन को खत्म करने की क्षमता होती है. इसके साथ ही उन्होंने एक गाय के गोबर से बनी चिप लॉन्च की.
वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि हमने देखा है कि इसे साथ रखते हैं तो मोबाइल रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से सबकी रक्षा होगी. ये सबकुछ घर में आएगा तो घर रेडिएशन फ्री हो जाएगा.’
बता दें कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर से बने कई दूसरे प्रॉडक्ट भी लॉन्च किए. आयोग का कहना है कि इन उत्पादों का लक्ष्य इस दीवाली पर प्रदूषण कम करने का है. दीयों के अलावा, आयेग गोबर, गौमूत्र और दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे कि एंटी-रेडिएशन चिप, पेपर वेट, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों, अगरबत्ती, मोमबत्तियों और अन्य चीजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे के पूरे रुख में बदलाव करने की जरुरत है तथा गाय आधारित कृषि और गाय आधारित उद्योग के बारे में लोकप्रिय धारणा को तत्काल दुरुस्त किये जाने की जरुरत है ताकि समाज का सामाजिक और आर्थिक कायाकल्प हो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों का जीवन बदले.’’ उन्होंने कहा कि किसानों, गौशाला संचालकों, उद्यमियों को इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए कई तरह की वेबिनार आयोजित की जा रही हैं.
11 करोड़ परिवार जलाएंगे गोबर से बने 33 करोड़ दीये
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस साल दीपावली के अवसर पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ मनाने का अभियान शुरू किया है. इस अभियान के माध्यम से, आयोग दिवाली महोत्सव के दौरान गाय के गोबर और पंचगव्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है.
गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, स्मरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है. आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया ने सोमवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस कर कामधेनु दीपावली अभियान के बारे में जानकारी दी.
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्जवलित करना है. लगभग 3 लाख दीयों को अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा और 1 लाख दीये वाराणसी में जलाए जाएंगे.