Facebook पर लगा बड़ा आरोप! मोबाइल फोन कैमरे के जरिए चुराया यूजर्स का निजी डेटा

मुंबई. बीती रात सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम और फेसबुक (Instagram and Facebook) का सर्वर गुरुवार को डाउन हो गया है. फेसबुक और इंस्टाग्राम का सर्वर कुछ घंटों के लिए दुनियाभर में डाउन होने से यूजर्स ट्वीटर पर नाराजगी जताई. सर्वर डाउन होने से यूजर्स अपना सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट्स लॉग इन नहीं कर पा रहे थे. इस बीच, फेसबुक के ऊपर इंस्टाग्राम यूजर्स की कथित रूप से जासूसी करने की बात सामने आई है. फेसबुक पर ऐसा आरोप है कि इसके लिए उसने फोन कैमरे का इस्तेमाल किया है. आईफोन यूजर्स जब फोटो शेयरिंग ऐप इंस्टाग्राम पर एक्टिव नहीं थे तब भी उनके फोन के कैमरा का एक्सेस होता दिखाई दिया. हालांकि, फेसबुक ने इन तमाम खबरों का खंडन किया है. उसके मुताबिक, यह सब एक बग की वजह से हुआ है.
मोबाइल फोन कैमरे के जरिए डेटा चुराने का आरोप-
अमेरिकी के शहर सैन फ्रांसिस्को की फेडरल कोर्ट में दायर याचिक में न्यू जर्सी की इंस्टाग्राम यूजर ब्रिटनी कॉन्डिटी ने फेसबुक पर Instagram ऐप के जरिए कैमरा का उपयोग कर निजी डेटा चुराने का आरोप लगाया है.
जब भी हम किसी ऐप को फोन में इंस्टॉल करते हैं तब ऐप ओपन होने से पहले कुछ परमिशन मांगता है, जिसमें कॉन्टैक्ट, मीडिया, लोकेशन, कैमरा आदि शामिल होते हैं.
जब हम इन सभी को Allow कर देते हैं तब ऐप को डेटा एक्सेस करने के राइट्स मिल जाते हैं. ऐसे में जब भी हमारे फोन का डेटा ऑन रहता है तब ये ऐप चोरी से आपके डेटा पर नजर रखना शुरू कर देते हैं.
फेसबुक, इंस्टाग्राम ऐप भी इसी तरह से फोन डेटा पर नजर रखते हैं. यहां तक की आपकी मर्जी के बिना ये आपके फोन के कैमरा को भी एक्सेस कर सकते हैं, क्योंकि आप उसकी परमिशन पहले ही दे चुके होते हैं.
पहले भी लग चुके फेसबुक पर कई आरोप-
बायोमेट्रिक डेटा कलेक्ट करने का आरोप: इसी साल अगस्त महीने में अमेरिका में फेसबुक पर एक मुकदमा दायर किया गया जिसमें फेसबुक की सब कंपनी इंस्टाग्राम द्वारा यूजर्स की इजाजत के बिना उनका बायोमेट्रिक डेटा कलेक्ट करने का आरोप लगाया गया.
दायर किए गए मुकदमे में इंस्टाग्राम पर आरोप था कि कंपनी ऑटोमैटिकली लोगों के चेहरे को स्कैन करती है. इस दौरान उन लोगों के चेहरे भी स्कैन किए गए हैं जो किसी दूसरे के इंस्टाग्राम के अकाउंट में दिख रहे थे. इस दौरान 100 मिलियन (10 करोड़) लोगों के डेटा को इकट्ठा किया गया.
कुछ महीने पहले ही NSO ग्रुप पर मुकदमा किया था, जिसमें कंपनी को ऐसा लगता था कि NSO ग्रुप ने वॉट्सऐप स्पाई करने के लिए Pegasus (पेगासस) स्पाईवेयर सरकार को दिए गए हैं और सरकार इसके जरिए चुनिंदा यूजर्स की स्पाई कर रही है.
मदरबोर्ड वाइस की एक रिपोर्ट के मुताबिक NSO ग्रुप के हेड ने ये बताया है कि फेसबुक के दो लोगों ने कंपनी से संपर्क किया था. उन्होंने बताया था कि फेसबुक के दोनों रिप्रेजेंटेटिव हमारा स्पाईवेयर प्रोग्राम पेगासस खरीदना चाहते थे.
यूजर का डेटा सुरक्षित नहीं रख पाने के चलते ब्रिटेन के डेटा नियामक ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर इसी साल पांच लाख पाउंड (करीब चार करोड़ 55 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया था. जांच में इस बात का पता चला कि वर्ष 2016 के यूरोपीय यूनियन के जनमत संग्रह के दौरान फेसबुक में मौजूद यूजर के डेटा का दोनों तरफ से दुरुपयोग किया गया था. फेसबुक ने ब्रिटिश कंसलटेंट कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की ओर से लगभग 8.7 करोड़ यूजर का डाटा चोरी किए जाने की बात स्वीकार की थी. इसी कंपनी ने वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए चुनाव प्रचार अभियान चलाया था.