छत्तीसगढ़बिलासपुर

हाई कोर्ट ने खारिज की जीपी सिंह की अंतिरम जमानत याचिका

बिलासपुर । आईपीएस जीपी सिंह की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट से ख़ारिज हो गयी। जीपी सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि “ये पूरा मामला राजनैतिक षड्यंत्र है। उनके वकील ने इस दौरान कहा कि उन्हें फ़साने के लिए ये पूरा मामला राचा गया है।” वहीं केस डायरी को लेकर भी उनके वकील ने कोर्ट के सामने दलीलें रखी।

जीपी सिंह के अधिवक्ता ने तर्क पेश करते हुए बताया कि जीपी को पुलिस रिमांड में रख कर पूछताछ की जा चुकी है व वो एसीबी की जांच में सहयोग करने के लिये तैयार है और लगातार सहयोग कर भी रहे हैं। उन्हें आय से अधिक सम्पति के मामले में जवाब व दस्तावेज पेश करने के लिये कहा गया है, पर जेल में रहने के कारण वो जवाब नही दे पा रहे हैं। उन्हें फार्म 1,2, 3 जमा करने के साथ ही सम्पति सम्बधी अन्य दस्तावेज व अपना जवाब पेश करने के लिये मौका नही दिया गया है। उन्हें एसीबी के समक्ष जवाब पेश करना है। लिहाजा उन्हें केश की अंतिम सुनवाई होने तक अंतरिम जमानत दी जाए।

शासन के अधिवक्ता ने जीपी को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए आपत्ति दर्ज करवाई। दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद अदालत ने जीपी के अंतरिम जमानत की मांग को खारीज कर दिया।

दरअसल जीपी सिंह के अधिवक्ता ने रायपुर की अदालत से जमानत ख़ारीज होने के बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिये याचिका दाखिल की थी। रेगुलर बेल के साथ ही अंतरिम बेल की भी मांग की गई थी। आज जस्टिस दीपक तिवारी की सिंगल बेंच में अंतरिम जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद याचिका को खारिज किया गया।

गौरतलब है कि जीपी सिंह की गिरफ्तारी हरियाणा के गुरुग्राम से 11 जनवरी को हुई थी। उन्हें एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद रायपुर कोर्ट में पहली बार 12 जनवरी को जीपी को पेश किया गया था, सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को दो दिन की रिमांड दी थी। इसके बाद दो दिन की रिमांड पूरी होने पर 14 जनवरी को फिर पेश किया गया था, इस दिन कोर्ट ने चार दिन और रिमांड दी थी। रिमांड पूरी होने पर मंगलवार को फिर जीपी सिंह को रायपुर कोर्ट में विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल के समक्ष पेश किया गया जहाँ से उन्हें अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया। तब से जीपी जेल में है।

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