खरसिया विधान सभा क्षेत्र के बरगढ में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल मेला का आयोजन किया गया।
गौरतलब हो कि महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाया जाता है। वैसे तो हिंदू में पूरे साल प्रातःकाल शिव की आराधना करते हैं, उन्हें जल अर्पित करने का विधान हैं। लेकिन इस महाशिवरात्रि का एक अलग ही महत्व है। इस दिन शिवालयों में सर्वत्र भक्त उमड़ पड़ते हैं। अंचल के शिवालयों के साथ-साथ खरसिया सक्ति मार्ग पर स्थित सिद्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की अंचल में एक अलग ही पहचान है।
आज 21 फरवरी को सिद्धेश्वर धाम में महाशिवरात्रि का विशाल मेला का आयोजन हुआ।
20 फरवरी की रात्रि से ही अंचल के शिवभक्त बड़ी संख्या में सिद्धेश्वर नाथ धाम में जलाभिषेक करने के लिए आए हुए थे। साथ ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ के दर्शन के लिए दूर दूर से आते हैं।
महाशिवरात्रि पर यहां मेला में तरह – तरह के झूले, नाटक, नृत्य, चाट, गुब्बारे आदि की दुकानें लगी हुई थी। जिसका श्रद्धालु, महिला, बच्चे सभी ने बढ़ चढ़कर आनंद लिया।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसी दिन प्रथम शिवलिंग भी प्रकट हुआ था।भगवान शिव को भांग धतूरा चढ़ाना भी काफी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव को भांग धतूरा काफी प्रिय है। इस दिन शिवालयों में सर्वत्र भक्त उमड़ पड़ते हैं। दरअसल, शिव को इस पूरी सृष्टि का प्राणतत्व माना जाता है।भक्त शिव-सेवा को सांसारिक पाप-ताप के हरण और मोक्ष, मुक्ति, कृपा, दया प्राप्ति का मूल मानते हैं।