छत्तीसगढ़
जिंदगी से हर मानकर उसने क्यों कि आत्महत्या, सुसाइड नोट में ?
दुर्ग जिले में एक शख्स ने नौकरी के लिए अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रख दिए। इतना ही नहीं पीएफ से पैसा भी निकाल कर दलालों को दे दिए, बावजूद नौकरी नहीं लगी। जिसके बाद जिंदगी से हर मानकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। दरअसल, दुर्ग जिले के अहिवारा के वार्ड 5 में रहने वाले एगेश्वर यादव जेके लक्ष्मी सीमेंट में कार्यरत डॉ. मदन मोहन सिंह के पास वार्ड ब्यॉय का काम करता था। परिजनों के बताया कि डॉ एमएम सिंह ने साल 2020 में एगेश्वर यादव से एक्सरे टेक्नीशियन का डिप्लोमा बनाने और नौकरी लगाने के नाम पर 3 लाख रुपये लिए थे, लेकिन समय बीतने के बाद भी युवक को नौकरी और डिप्लोमा का सर्टिफिकेट नहीं मिला। इस बात से वो मानसिक रूप से परेशान रहने लगा।
परिजनों ने डॉ. एमएम सिंह पर युवक को मानसिक रूप से परेशान करने और पैसे ठगी करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ड्यूटी के बाद भी युवक से अपने घर का काम कराता था। एगेश्वर यादव से खेरदा स्थित अपनी नवनिर्मित घर की भी देखरेख कराया था और युवक को अपने घर जाने से भी रोकता था। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक के पास से सुसाइड लेटर भी मिला है। जिसमें पुलिस के पास शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होने की बात भी लिखी हुई है। आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस अब सुसाइड नोट में लिखे हैंडराइटिंग की भी जांच की जा रही है।