रागी से मजबूत होगी सेहत की नींव
रायगढ़ । रागी के पोषक गुणों से जिले में बच्चों, गर्भवती व एनीमिक महिलाओं की सेहत संवारी जायेगी। कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर एक विशेष कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिले में रागी का प्रोसेसिंग कर लड्डू तथा अन्य उत्पाद तैयार किये जायेंगे। पोषक खूबियों से भरपूर ये लड्डू आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिये बच्चों व महिलाओं को दिए जाएंगे। इसके लिये रागी के उत्पादन से लेकर उसके प्रोसेसिंग व उत्पाद तैयार करने तक का सारा काम जिले में ही किया जायेगा। बच्चों को सेहत व बड़ो को रोजगार देने वाले इस विशेष कार्यक्रम पर जल्द ही अमल होने जा रहा है।
कलेक्टर भीम सिंह ने इसके लिए आकांक्षी जिलों में काम करने वाली राज्य स्तरीय टीम के माध्यम से पूरी कार्ययोजना तैयार करवायी है। जिले के 05 आदिवासी विकासखंड से इसकी शुरुआत होने जा रही है। महिला बाल विकास विभाग के साथ खाद्य, कृषि और एनआरएलएम को जिले में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम सीएसआर मद से पोषित होगी। आकांक्षी जिलों के लिये राज्य कार्यक्रम अधिकारी नीरजा कुद्रीमोती ने आज इस पर प्रजेन्टेशन दिया। कलेक्टर सिंह ने कार्ययोजना के विभिन्न पहलुओं पर शामिल विभागों से चर्चा कर आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिये। सीईओ जिला पंचायत सु ऋचा प्रकाश चौधरी भी इस दौरान मौजूद रही।
रागी में होता है दूध से तीन गुना ज्यादा कैल्शियम
हड्डियों को मजबूती के लिये जरूरी कैल्शियम रागी में चावल से 30 गुना तथा दूध से तीन गुना अधिक पाया जाता है। यह बढ़ते बच्चों व महिलाओं के लिये अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में यह लड्डू सप्ताह में दो दिन सुबह के नाश्ते के रूप में दिया जायेगा। अप्रैल माह से इसका क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाना है। जिला मुख्यालय में एक क्लीनिंग तथा प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जायेगी। जहां रागी की प्रोसेसिंग कर पाउडर तैयार किया जायेगा। जिसे विकासखण्डों में भेजा जायेगा। वहां से यह आंगनबाडिय़ों में वितरित की जायेगी, जिसके लड्डू बनाकर बच्चों को खिलाया जायेगा। शुरूआत में इसे जिले के पांच आदिवासी विकासखण्डों लैलूंगा, धरमजयगढ़, घरघोड़ा, खरसिया एवं तमनार में प्रारंभ किया जायेगा।
रॉ-मटेरियल से लेकर फायनल प्रोडक्ट तक सब जिले में होगा तैयार
इस शुरुआत से एक ओर जहां बच्चों की सेहत को संवारा जाएगा। वहीं दूसरी ओर रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। इस कार्यक्रम में रॉ-मटेरियल से लेकर फायनल प्रोडक्ट तक सब जिले में ही तैयार किया जायेगा। लड्डू और अन्य उत्पाद तैयार करने के लिए रागी का उत्पादन जिले के किसानों के द्वारा ही होगा। कृषि विभाग ने इसके लिए अपनी तैयारी चालू कर दी है। विभाग ने लगभग 600 हेक्टेयर में रागी उत्पादन का लक्ष्य रखा है। किसानों को बीज वितरण के साथ बोआई प्रारम्भ कर दी गयी है। इसके अलावा रागी के प्रोसेसिंग और उससे लड्डू व उत्पाद, पैकिंग मटेरियल तैयार करने का काम स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा, जिससे उनके लिए भी आय अर्जन का मौका सृजित होगा।