संत कबीरदास जी के संदेश से छत्तीसगढ़ में रहा है प्रेम एवं सद्भाव का वातावरण: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
बेमेतरा के लोलेसरा में संत कबीर समागम मेले में उपमुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री हुए शामिल
रायपुर।संत कबीर को मानने वाले अनुयायी हर साल यहां आते हैं। मेले में छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों से कबीर के अनुयायी बड़ी संख्या में पहुंचे हुए हैं। खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरा भारत संत, महापुरूष और ऋषिमुनियों का देश है। संत कबीर ने अपनी वाणी के माध्यम से लोगों को सामाजिक समरसता का संदेश दिया। वर्तमान समय में उनके विचार और अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार समाज के सभी वर्गों के उत्थान की दिशा में कार्य कर रही है। हम सबके प्रयासों से छत्तीसगढ़ को देश का खुशहाल एवं समृध्द राज्य बनाएंगे।
खाद्य मंत्री बघेल ने कहा कि बहुत ही सौभाग्य की बात है कि ग्राम लोलेसरा में भव्य मेला का आयोजन हो रहा है और जिसमें हम सभी संतों का दर्शन का उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। संत संमागम मेला का यह 10वां साल है। यह मेला पंथ श्री हुजुर उग्रनाम साहेब के स्मृति में प्रारंभ हुआ था। उन्होंने बताया कि इस मेला का शुभारंभ प्रकाशमुनि साहेब के नेतृत्व में हुआ और उन्ही की स्मृति में हम प्रत्येक वर्ष संत समागम मेले का आयोजन करते हैं। इस मेले में लगभग 3 तीन लाख श्रद्धालु सम्मिलित हुए हैं। उन्होने मेला समिति के सदस्यों को सेवाभाव के लिए बधाई एवं शुभाकामनाएं दी।
संत समागम मेले में पंथ श्री प्रकाश मुनिनाम साहब ने भी कबीर के उपदेशों की महिमा बताई। कबीरपंथ के गुरू श्री प्रकाश मुनिनाम साहेब ने कहा कि कबीर पंथ कोई धर्म या जाति नहीं, बल्कि सत्गुरु कबीर साहेब द्वारा दिखाया हुआ एक मार्ग है। इस मार्ग पर चलकर हर धर्म, जाति और मजहब का व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। गुरू श्री प्रकाश मुनिनाम साहेब ने कहा कि कबीरपंथ में मान्यता है कि हर व्यक्ति के अंदर ईश्वर और परमात्मा का वास है, उसी को सम्मान देते हुए साहेब बंदगी कहते है। उन्होंने कहा है कि कबीरपंथ ने सर्व मानव समाज को एक-दूसरे को जोड़ने का एक सदाचार और सत्य का मार्ग दिखाया है।