45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर फायरिंग : एक बार फिर भारतीय जवानों ने चीनी साजिश को किया नाकाम
भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से सीमा पर गतिरोध जारी है। अब एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इसकी वजह है चीन की लद्दाख में की गई कायराना हरकत। ड्रैगन ने सोमवार रात को जो किया वो बीते चार दशकों में कभी नहीं हुआ था। दरअसल, चीन ने बीती रात वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि इस गोलीबारी में किसी को निशाना नहीं बनाया गया।
लद्दाख में बीती रात को क्या हुआ
रणनीतिक तौर पर अहम माने जाने वाले काला टॉप और हेल्मेट टॉप सहित पेंगोंग इलाके के कई हिस्सों पर भारतीय सेना का कब्जा है। यही वजह है कि चीन की सेना बौखलाई हुई है। अपनी इसी बौखलाहट के चलते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सोमवार रात को सीमा पर आगे बढ़ने लगी। इस दौरान भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद चीन के जवान पीछे हटे। कुछ देर बाद ही सीमा पर हालातों को नियंत्रित कर लिया गया था।
यह भी पढ़ेें- चीन ने अरुणाचल को बताया तिब्बत का हिस्सा, पांच लापता भारतीयों पर कोई जवाब नहीं
चीन ने भारत पर लगाया आरोप
अपनी हरकतों से बाज न आते हुए चीन ने भारतीय जवानों पर ही एलएसी पार करने का आरोप लगाया है। मंदारिन भाषा में जारी किए गए बयान में चीन ने कहा कि भारत की तरफ से वार्निंग शॉट दागे जाने के बाद उसने मजबूरी में जवाबी कार्रवाई की। बयान में चीन का कहना है कि भारतीय सेना के जवानों ने उनपर पेंगोंग त्सो झील के दक्षिण तट के पास शेन्पाओ पर्वत क्षेत्र के पास गोलीबारी की।
जमीन पर हो रही बातचीत
पेंगोंग त्सो में सोमवार को पीएलए ने यथास्थिति को एकतरफा तौर पर बदलने की कोशिश की। मंगलवार सुबह शीर्ष भारतीय अधिकारियों ने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर एक दूसरे से बात कर रहे हैं। रेचिन ला पर पीएलए और भारतीय सैनिकों के बीच गतिरोध की स्थिति पैदा हुई।
बता दें कि 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन और भारत की सीमा पर गोली चली हो। इससे पहले दोनों देशों के बीच गोली न चलाने और किसी की जान न गंवाने को लेकर समझौता किया गया था। हालांकि बीते 15 जून को भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं अब सोमवार को सीमा पर गोली चलने की घटना घटी है।