छत्तीसगढ़

अवैध रेत उत्खनन पर हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

नदी-नालों में रेत का बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन के मामले में वाड्रफनगर के एक व्यक्ति के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ शासन से जवाब मांगा है।

रामानुजगंज-रामचंद्रपुर और वाड्रफनगर विकासखंड के नदी-नालों में रेत का बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन के मामले में वाड्रफनगर के एक व्यक्ति के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ शासन से जवाब मांगा है। बता दें कि वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत रघुनाथनगर के मोरन, रेण व बांक नदी, वाड्रफनगर में झरिया, लेदो नदी, रामचंद्रपुर ब्लाक अंतर्गत कनहर नदी, सिंदूर नदी, पांगन नदी, में खुलेआम अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। नदी एवं नालों में एक्सीवेटर एवं पोकलेन मशीन के द्वारा रेत निकाल उसे एक स्थान पर जमा कर उसे ट्रकों में उत्तर प्रदेश में खपाया जा रहा है।

इस मामले में वाड्रफनगर के एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया कि ठेकेदार को नदी के निर्धारित स्थान से ही रेत उत्खनन की अनुमति दी गई है लेकिन उत्तर प्रदेश के माफियाओं एवं वहां के निवासियों के मिलीभगत से अन्य स्थानों तथा दूसरी नदियों एवं नालों से भी अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। अवैध तरीके से रेत का भंडारण एवं वाहनों से उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। इन सब गतिविधियों में कहीं न कहीं संबंधित विभाग की भी मिलीभगत है। इस अनदेखी के कारण नदियों के अस्तित्व पर खतरा तो मंडरा रहा ही है साथ-साथ शासन को राजस्व की क्षति भी हो रही है॥

खनिज एवं आरटीओ बैरियर संदेह के घेरे में-

याचिकाकर्ता ने बताया कि बसंतपुर थाना अंतर्गत धनवार बैरियर में स्थित खनिज विभाग एवं आरटीओ विभाग रेत ओवरलोड वाहनों के वैध कागजात नहीं होने के बाद भी उत्तर प्रदेश की ओर भेज दिया जा रहा है। लोगों ने बताया कि उक्त दोनों बैरियर ओवरलोड ट्रकों को भेजने में उन्हें अच्छी खासी राशि भी मिलती है।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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