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नाबालिग उत्पीड़न केस में जवाब न देने पर ट्विटर के खिलाफ हो सकती है एकतरफा कार्रवाई: NCPCR

नई दिल्ली: एक नाबालिग लड़की के साथ ऑनलाइन हैरेसमेंट के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ट्विटर के रवैये पर नाराजगी जताई है. कई रिमाइंडर के बाद भी संतोषजनक जवाब न मिलने पर आयोग ने ट्विटर के सीनियर मैनेजर (पॉलिसी) को समन जारी कर 4 सितंबर को उपस्थित होने को कहा है. उपस्थित न होने पर आयोग ट्विटर इंडिया के खिलाफ एकतरफा ऑर्डर पास कर कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है. आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो का कहना है कि चूंकि ऑनलाइन यौन उत्पीड़न का माध्यम ट्विटर बना है, इसलिए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट इसमें जवाबदेह है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने रविवार को आईएएनएस से कहा, समन कर ट्विटर को जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया है. अगर ट्विटर का कोई प्रतिनिधि 4 सितंबर को उपस्थित नहीं होता है तो फिर आयोग पूरे मामले की जांच कर एकतरफा कार्रवाई के लिए बाध्य होगा.

बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए आयोग को कई तरह के अधिकार मिले हैं. सिविल कोर्ट का पॉवर होने के कारण आयोग समन जारी कर सकता है. कानूनगो ने बताया कि अगर समन का कोई सम्मान नहीं करता है तो फिर आयोग जरूरत पड़ने पर धारा-16 का इस्तेमाल करते हुए मामले को संसद और सरकार को रिपोर्ट कर सकता है. इसके अलावा हाईकोर्ट को भी मामला भेजा जा सकता है. यहां तक कि आयोग सीआरपीसी 346 के तहत अभियोग चलाने के लिए मजिस्ट्रेट को भी केस भेज सकता है.

क्या है मामला?

दरअसल, एक वेबसाइट से जुड़े मोहम्मद जुबैर नामक ट्विटर यूजर ने बीते सात अगस्त को एक तस्वीर ट्वीट की थी. जिसमें एक पिता और उसकी नाबालिग बेटी की तस्वीर थी. आरोप है कि तस्वीर के ट्वीट करने के बाद ट्रोलर्स ने नाबालिग लड़की को दुष्कर्म आदि की धमकी दी. जिससे नाबालिग ऑनलाइन हैरेसमेंट का शिकार हुई.

इस मामले में नाबालिग और उसके पिता की ओर से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में गुहार लगाई गई. इसके बाद 8, 11 और 19 अगस्त को आयोग ने ट्विटर को पत्र लिखकर संबंधित कंटेंट को हटाने का आदेश देते हुए संबंधित ट्विटर यूजर के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी.

25 अगस्त को ट्विटर की ओर से भेजे गए जवाब को आयोग ने संतोषजनक नहीं पाया. जिस पर बीते 26 अगस्त को ट्विटर को समन जारी किया गया है. आयोग ने रायपुर के एसएसपी अजय कुमार यादव को भी इस मामले में समन जारी कर 4 सितंबर को नई दिल्ली के जनपथ स्थित कार्यालय पर तलब किया है. आरोप है कि एसएसपी ने आयोग के कहने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.

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