जीवन के हर क्षण को सार्थक करने लिए हुआ है मनुष्य का जन्म- साध्वी स्नेहयशा

रायपुर। मनुष्य का जन्म जीवन के हर क्षण को सार्थक करने के लिए हुआ है। परन्तु वह ऐसा करता नहीं है। मनुष्य का जन्म बार-बार नहीं होता। इस जन्म को पाने में हमारी आत्मा ने कितना पुरुषार्थ किया, कितना परिश्रम किया है। वर्तमान में शायद कोई कर नहीं सकता। आज यह हमें मिला है तो इसके हर क्षण का उपयोग करना है। यह बातें शनिवार को न्यू राजेंद्र नगर के मेघ-सीता भवन, महावीर स्वामी जिनालय परिसर में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान साध्वी स्नेहयशा ने कही।
साध्वी ने इसका अर्थ बताते हुए कहा कि इसी बात का सार ज्ञानी भगवन के कहने और आपके कहने में बहुत अंतर है। आप के अनुसार जाे ऐशोआराम मनुष्य जीवन में मिला है वह फिर नहीं मिलेगा। जो खाने पीने का स्वाद इस जीवन में मिला है वह कहीं नहीं मिलेगा। होटल में खाना खाना, एसी-कूलर की हवा लेना और गद्देदार बिस्तर में सोना और कौन से जीवन में मिलेगा। यह सिर्फ मनुष्य जीवन में मिलेगा। किसी जन्म में बैल-गाय, कुत्ते बन गए तो चाट-गुपचुप का स्वाद कहां मिलेगा।



