व्यापक जनहित में पत्रकारिता के उच्च मापदण्ड स्थापित करने का समय
कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत फैलाने, फे़क न्यूज
जारी करने वालों पर कानूनी कार्यवाही संभव
रायगढ़, 23 मार्च 2020/ नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के संबंध में राज्य शासन द्वारा संतुलित, तथ्यपरक तथा पुष्ट समाचार जारी करने का आग्रह विभिन्न समाचार माध्यमों, सोशल मीडिया से किया गया था, लेकिन कतिपय व्यक्तियों तथा संस्थाओं द्वारा अवांछित समाचार प्रकाशित तथा प्रसारित करने की शिकायतें मिल रही हैं। राज्य शासन द्वारा गठित ‘राज्य स्तरीय फे़क न्यूज नियंत्रण एवं विशेष मॉनिटरिंग सेलÓ ने इन खबरों को गंभीरता से लिया है।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों से ऐसी खबरें जारी की जा रहीं है, जिससे जनमानस में भ्रम अथवा दहशत का वातावरण बन रहा है और लोग उसकी पुष्टि के लिए सम्पर्क कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसी विभिन्न खबरों को फे़क न्यूज बताया गया है। राज्य शासन द्वारा गठित ‘राज्य स्तरीय फे़क न्यूज नियंत्रण एवं विशेष मॉनिटरिंग सेलÓ ने अपील की है कि विभिन्न समाचार माध्यम तथा वेबसाइट आदि ऐसी कोई भी खबर प्रकाशित तथा प्रसारित नहीं करें।
विभिन्न माध्यमों से प्रसारित अपुष्ट खबरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के पर्याप्त प्रावधान हैं। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया में भी गलत/भ्रामक/तथ्यहीन सामग्री पोस्ट करने पर इन्फारमेशन टेक्नालॉजी एक्ट की धारा 2(1)(डब्ल्यू)तथा इन्फरमेंशन टेक्नालॉजी एक्ट की धारा 79 के अन्तर्गत इन्टरमीडिएडरी गाईड लाइन के तहत कार्यवाही की जा सकती है। इन धाराओं में व्यापक जनहित को प्रभावित करने के लिए होस्ट, डिस्प्ले, अपलोड, मोडिफाई, पब्लिश, ट्रांसमिट, अपडेट, शेयर करने की गतिविधियाँ भी गैर-कानूनी मानी गई हैं।
इस समय कोरोना वायरस संक्रमण से निपटना पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती है और यह समय व्यापक जनहित में पत्रकारिता के उच्च मापदण्ड स्थापित करने का भी है।