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समिति के सामने पक्ष रखेगी सरकार, बातचीत से ही निकलेगा हल, किसानों से मीटिंग के बाद बोले कृषि मंत्री तोमर

तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ शुक्रवार को हुई 9वें दौर की मीटिंग में किसान संगठन तीन नए कृषि कानूनों (farm laws) को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे, जबकि सरकार ने किसान नेताओं से उनके रुख में लचीलापन दिखाने की अपील की और कानून में जरूरी संशोधन के संबध में अपनी इच्छा जताई . 9वें दौर की वार्ता के अंत में दोनों पक्षों ने तय किया कि अगली बैठक 19 जनवरी को होगी . केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश ने करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ 9वें दौर की वार्ता की .

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातीचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई. तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई. आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई. उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई. यूनियन और सरकार ने तय किया कि 19 जनवरी को 12 बजे फिर से चर्चा होगी. हम बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.

समिति के सामने अपना पक्ष रखेगी सरकार

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान वार्ता के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति के विचार-विमर्श से समाधान निकल सकता है, हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द विरोध प्रदर्शन खत्म हो. हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और उनके फैसले का स्वागत करते हैं, सरकार आमंत्रित किए जाने पर कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति के समक्ष अपना पक्ष रखेगी.

सरकार को 19 जनवरी को होने वाली वार्ता के दसवें दौर में कुछ निर्णायक स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. किसान यूनियनें सरकार के साथ बातचीत जारी रखना चाहती हैं और हमें इससे कोई समस्या नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति भी किसानों के कल्याण के लिए काम करेगी.

कृषि मंत्री का कांग्रेस पर पलटवार, कहा-2019 का घोषणापत्र पढ़ लें राहुल गांधी

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी के बयान पर और कृत्य पर कांग्रेस पार्टी सिर्फ हंसती है और उनका मजाक उड़ाती है. कांग्रेस ने 2019 के घोषणापत्र में इन कृषि सुधारों का लिखित में वादा किया था, अगर उन्हें याद नहीं है तो घोषणापत्र उठाकर दोबारा पढ़ लें.

इससे पहले 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. हालांकि, समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान ने कल समिति से अपने को अलग कर लिया.

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