देश की अर्थव्यवस्था में अगले साल आएगी 10 फीसदी की गिरावट: सेन

मुंबई . देश की वृहद आर्थिक स्थिति अनिश्चित दिखाई दे रही है और चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणव सेन ने यह राय जताई है. सेन ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था का कुल वृहद प्रबंधन बहुत अच्छा नहीं है, लेकिन अर्थव्यवस्था में यह सुस्ती उनके नियंत्रण से बाहर है. फिलहाल भारत की मौजूदा वृहद आर्थिक स्थिति काफी अनिश्चित है.
मैं कहूंगा कि हमें बहुत सतर्क रहना होगा. मुझे लगता है कि आसपास कुछ अधिक आशावाद का माहौल है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर नकारात्मक 10 प्रतिशत रहेगी. तिमाही जीडीपी आंकड़े अब भी कुछ कॉरपोरेट खातों पर आधारित होते हैं. कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र की तुलना में अधिक खराब नहीं रहा है. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा कि हमें पता है कि कंपनियों की तुलना में सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र अधिक प्रभावित हुआ है.
ऐसे में राष्ट्रीय खातों से जो आंकड़े आ रहे है वे अर्थव्यवस्था की कुछ अधिक आशावादी तस्वीर दिखा रहे हैं.’ सेन ने निवेशकों का भरोसा कायम करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि निवेशक वे नए लोग हैं जो नई उत्पादन क्षमता में अपना पैसा लगाते हैं. यह पूरी तरह नदारद है. उन्होंने कहा कि जब तक निवेश वापस नहीं लौटता अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकती है. अभी जैसी स्थिति है, तो हमारी उत्पादन क्षमता 2019-20 की तुलना में अधिक ऊंची नहीं रहेगी. वास्तव में यह इससे कम रहेगी, क्योंकि कुछ क्षमता अब बंद हो चुकी है.




