रायगढ़ जिले के बहुचर्चित धान खरीदी केंद्र जैमुरा एक बार सुर्खियों में

रायगढ़ जिले के बहुचर्चित धान खरीदी केंद्र जैमुरा एक बार सुर्खियों में
करोड़ों के घोटालों में सुर्खियों मे रहे, जैमुरा धान खरीदी केंद्र एक बार फिर आया चर्चा में ?
रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैमुरा पिछले दिनों करोड़ों के अफरातफरी के मामला में खूब चर्चा में रही, व खूब किरकिरी भी हुई। वही अब फिर शासन प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए
किसानों को परेशान करने का नया मामला सामने आया है।
मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड के ग्राम जैमुरा निवासी लक्ष्मी नारायण पटेल का मृत्यु 30/11/2019 में हो चुका है ।
आपको बात दें की बीते दिनों रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह ने गिरदावरी हेतु बैठक लेकर, संबंधित अधिकारियों को तय समय में गिरदावरी का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए थे, किन्तु लापरवाह हल्का पटवारी की लापरवाही से स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पटेल का गिरदावरी कार्य पूर्ण नही हो सका।
चूंकि स्वर्गीय पटेल के पुत्र नवयुवक किसान तहसीलदार न्यायालय के चक्कर पर चक्कर लगाकर, अंततः धान बेचने की अनुमति ले लिया।
जिस पर धान खरीदी केंद्र धान विक्रय टोकन कटवाए जाने के दौरान दिपक को पता चला कि उनके पिता के नाम से ही इस वर्ष (2020) मे भी धान विक्रय हेतु आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैमुरा में पंजीयन है। उपरोक्त खाते पर बगैर जिम्मेदार अधिकारी की अनुमति के धान बिक्री नहीं कर पाएंगा।
अब शुरू हुआ प्रशासनिक झोल-झाल का खेल… उपरोक्त बात की जानकारी होते ही नवयुवक किसान जैमुरा धान खरीदी केंद्र फिर चर्चा में?
पूर्व मे जैमुरा धान खरीदी केंद्र की सुर्खियों पर डालें 1 नजर….
धान उपार्जन केन्द्र में अनियमितता पर FIR दर्ज..समिति प्रबंधक अध्यक्ष,उपाध्यक्ष समेत 16 व्यक्तियों पर गबन का आरोप…
खाद्य निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार एक्का द्वारा थाना खरसिया में 18 सितम्बर को दिए गए आवेदन अनुसार उपार्जन केन्द्र जैमुरा एवं बसनाझर के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में समिति प्रबंधक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी, लिपिक, लेखापाल एवं कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा अनियमितता कर कुल ₹1,29,89,156.80 का धान, बारदाना, शासकीय रकम का गबन करने के संबंध में दिये गये आवेदन पत्र पर से समिति प्रबंधक प्रमोद कुमार राठौर एवं संस्था की अध्यक्ष श्रीमति सुमति बाई, धान उपार्जन केन्द्र जैमुरा उप केन्द्र बसनाझर में संचालक समिति उपाध्यक्ष तेजराम पटेल, उपाध्यक्ष श्रीमति मथुरा बाई सिदार, फड़ प्रभारी तथा बारदाना सुपरवाईजर भानूप्रताप डनसेना , डाटा एन्ट्री ऑपरेटर खगपति पटेल सदस्य हरिनंदन डनसेना , गंगेलाल साहू, बंधुराम पटेल, रामाधार बंजारे, बुधेश्वर डनसेना, बल्लभ सिंह राठिया, रामकुमार सिदार, हलधर डनसेना पर गबन का अपराध दर्ज किया गया है ।
मामले में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैमुरा के धान उपार्जन केन्द्र जैमुरा एवं बसनाझर के जाँच एवं भौतिक सत्यापन निरीक्षण दौरान भारी अव्यवस्थाएँ, अनियमिततायें , घोर लापरवाही एवं उपार्जित धान तथा खाली बारदाना का स्कंध कमी कर गबन करना पाया गया एवं दोनो केन्द्रों के फड़ व गोदाम में शेष धान व बारदानों का अशं नही पाया गया । आरोपियों के कृत्य से धान सुरक्षा व्यय राशि 138776/रू., प्रासगिक व्यय राशि 668795.60/ रू., कमीशन की राशि 1032330 / रू., हिस्सा एवं वसुली राशि 261598/ रू. कुल 12989156 रूपये की शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई है । आरोपियों पर थाना खरसिया में अप.क्र. 386/2020 धारा 409, 34 IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है थाना प्रभारी खरसिया ने संचालक मण्डल के दो सदस्यों को हवालात के सैर कराते ही खरसिया थाना के प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस के हाथों कमान चला गया और समिति प्रबंधक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 14 को पकड़ने में नाकामयाब…
ख़ैर कानून के हाथ लम्बी है ….
जैमुरा टीएसएस के निर्दोष संचालक मंडल के सदस्यों पर बिना जांच कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण… सहकारी समितियों की आड़ में…
इस तरह के खबरो ने कहर के बख्त नवपलवित रंगरूटो के बयानबाजी ने पार्टी की छबि को क्षेत्र के जनमानस में खूब थू-थू …
कलेक्टर भीम सिंह के सख्त निर्देश के उपरांत भी विकासखंड के पटवारियों ने गिरदावरी में की बड़ी झोल-झाल
कलेक्टर भीम सिंह ने कलेक्टोरेट स्थित सभाकक्ष में टीएल (समय-सीमा) की बैठक में जिला स्तरीय विभागीय कार्यों की समीक्षा की। वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जिले के सभी एसडीएम, सीईओ तथा तहसीलदार भी बैठक से जुड़े रहे। कलेक्टर ने जिले में गिरदावरी कार्य के बारे में निर्देशित किया कि गिरदावरी समयबद्ध कार्यक्रम है। इसलिए सभी एसडीएम और तहसीलदार सुनिश्चित करें कि प्रत्येक ग्राम में गिरदावरी में किये गये सर्वे की जानकारी/ सूचना का प्रकाशन सार्वजनिक करते हुये चस्पा कर दी जाये जिससे किसान उसका अवलोकन कर अपनी दावा-आपत्ति निर्धारित समय में प्रस्तुत कर सकें और दावा-आपत्ति प्राप्त होने के पश्चात उसकी जांच कर निराकरण भी किया जाना है।
उन्होंने सभी तहसीलदारों को उनके अधीनस्थ पटवारियों को शासकीय कार्यों के लिये आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने और तहसील कार्यालय में उनके बैठने के लिये स्थान निर्धारित करने के निर्देश दिए थे।
अविवेकपूर्ण निर्णय पर नवयुवक किसान चक्कर पर चक्कर लगाने को मजबूर
उपरोक्त कार्यवाही पर जिम्मेदार की जिम्मेदारी पर झोल-झाल …अविवेकपूर्ण निर्णय को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य… क्या उचित और क्या अनुचित है इस बात का विचार मंथन करने आप पर छोड़ते हैं ….