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हिंदी भाषा की कलम से लड़ी गए इंसाफ की लड़ाई- उमेश पटेल

खरसिया। इसी दिन साल 1826 में हिंदी भाषा का पहला अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ प्रकाशित होना शुरू हुआ था।

इसका प्रकाशन तत्कालीन कलकत्ता शहर से किया जाता था और पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इसे शुरू किया था। शुक्ल स्वयं ही इसके प्रकाशक और संपादक थे। मूल रूप से कानपुर के रहने वाले जुगल किशोर शुक्ल अधिवक्ता भी थे।

खरसिया विधायक,प्रदेश के उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर भारतीय लोकतंत्र के सजग प्रहरी सभी पत्रकारों को बधाई शुभकामनाएं दी है। मंत्री पटेल ने कहा कि, देश की आजादी से लेकर, साधारण आदमी के अधिकारों की लड़ाई तक, हिंदी भाषा की कलम से इंसाफ की लड़ाई लड़ी गई।

वक्त बदलता रहा और पत्रकारिता के मायने और उद्देश्य भी बदलते रहे, लेकिन हिंदी भाषा से जुड़ी पत्रकारिता में लोगों की दिलचस्पी कम नहीं हुई, क्योंकि इसकी एक खासियत यह भी रही है कि इस क्षेत्र में हिंदी के बड़े लेखक, कवि और विचारक भी आए। हिंदी के बड़े लेखकों ने संपादक के रूप में अखबारों की भाषा का मानकीकरण किया और उसे सरल-सहज रूप देते हुए कभी उसकी जड़ों से कटने नहीं दिया।

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