आई नवरात्री, जगमगा उठे धर्म नगरी में आस्था के दीप..
आई नवरात्री, जगमगा उठे आस्था के दीप…
भव्य पंडालों में विराजी जगजननी, गूंज रहे माता रानी के जयकारे
विष्णु चंद शर्मा @खरसिया। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा रविवार को शुभमुहूर्त में घट-स्थापना कर मां जगजननी का आवाहन किया गया। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्र प्रारंभ हुए। सभी शक्तिपीठों के साथ ही अंचल में अनेकों भव्य पंडालों में मां जगजननी की पूजा विधि-विधान से की जा रही है। वहीं घर-घर में मैयारानी के डोले सजाकर पूजा एवं उपवास प्रारंभ किये गये हैं।
मंगल-कलश में लाया गया पावन जल
लगातार हो रही बारिश माता रानी के पांव पखारने को आतुर है। वहीं घटस्थापना की पूर्व संध्या में सुहागिनों एवं कन्याओं ने मंगल कलश सजाकर माता रानी के पूजन के लिए अभिमंत्रित जल लाकर माँ के पंडाल में रखा। साथ ही माता रानी के चरणों में अपनी मनोकामनायें भी रखी हैं। नगर के अलावा ग्राम अंजोरीपाली में 108 मंगल-कलश की भव्य शोभायात्रा पूरे गांव में निकाली गई। गांव के मुख्य तालाब में पंडित राजेश पांडे द्वारा कलश में जल संग्रह से पूर्व शास्त्रोक्त मंत्रोच्चार किया गया।
इस नवरात्रि बने हैं शुभ-संयोग
पंडित कान्हा शास्त्री के अनुसार अबकी बार माता गज सवारी में आई हैं, जो अच्छी वर्षा एवं उन्नत कृषि का संकेत है। इन नवरात्रों में 8 शुभ संयोग बन रहे हैं। वहीं चार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। कलश स्थापना के दिन ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग एवं द्विपुष्कर योग भी बन रहा है। पूरे 9 दिनों की यह नवरात्रि मंगल कारक होगी।
ऐसे में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ परेवापहाड़ स्थित मां भद्रकाली के दरबार, मां चंद्रहासिनी, मां अष्टभुजी, मां भद्रकाली, मां बेरीवाली, मां देवसर वाली, मां ढाणा देवी आदि शक्तिपीठों के अलावा अनेकों भक्तों ने अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां के समक्ष अखंडदीप प्रज्ज्वलित किए हैं। मान्यता है कि मां के सामने अंखड ज्योति जलाने से गृहस्थ जीवन में मां की अखण्ड कृपा बनी रहती है।