जगद्गुरु रामानंदाचार्य को भा गई जीतराम निषाद की कलाकृति
जगद्गुरु रामानंदाचार्य को भा गई जीतराम निषाद की कलाकृति
ग्रामीण कलाकार के काष्ठकला की विशेष सराहना
रायगढ़।
गौ सेवा आश्रम भीखमपुरा सरिया में कामदगिरि पीठ चित्रकूट धाम के पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य के विशेष कथा वाचन के दौरान कथा विश्राम दिवस को अत्यंत ही भावपूर्ण वातावरण निर्मित हो गया जब बरमकेला अंचल के ख्यातिलब्ध कलाकार, सेवानिवृत्त शिक्षक जीतराम निषाद ग्राम खोरीगांव द्वारा अपने हाथों से निर्मित आसन जगद्गुरु रामानंदाचार्य को अर्पित किया गया । इस दौरान जगतगुरु रामानंदाचार्य को स्वयं जीतराम निषाद द्वारा उक्त आसन पर लाकर बिठाया गया । विदित हो कि प्रतिवर्ष जीतराम निषाद द्वारा अपने हाथों से निर्मित चरण पादुका (खड़ाऊ) जगद्गुुरु रामानंदाचार्य महाराज जी को समर्पित किया जाता था । इस वर्ष अंचल के प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि भाजपा नेता जगन्नाथ पाणिग्रही के मार्गदर्शन पर विशेष रुप से काष्ठ आसन तैयार किया गया जिसके लिए ग्राम भिखमपुरा के गौटिया रामप्रसाद पटेल द्वारा लकड़ी की व्यवस्था सहयोग एवं मोहन पटेल सहायक शिक्षक द्वारा रंग रोगन एवं गद्दा की व्यवस्था की गई । उक्त आसन प्रदान करने के दौरान जीतराम निषाद गुरुजी के परिवार से उनके पुत्रवधु सरस्वती निषाद, पौत्र दिनेश, पौत्री मनीषा व ईशा सहित उनके सहकर्मी शिक्षक भी मंच पर उपस्थित थे। यह दृश्य अत्यंत भावपूर्ण था जब ग्रामीण अंचल के एक साधारण व्यक्ति द्वारा जगद्गुरु रामनंदाचार्य को अपने हाथों से निर्मित विशिष्ट कलाकृति युक्त आसन अर्पित किया गया। उपस्थित जनसमुदाय ने जहां जीतराम निषाद गुरुजी के कला की तारीफ की वहीं अपने प्रवचन के दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी ने जीतराम निषाद के कला साधना की प्रशंसा करते हुए विशेष सम्मान किया तथा कहा कि यह आसन दीर्घ अवधि तक रहेगी हम रहे या ना रहे । यह आसन जीतराम निषाद परिवार के समर्पण भावना को चिर अंकित करता हुआ सबके बीच उपलब्ध रहेगा। जगद्गुरु रामानंदाचार्य जी ने जीतराम निषाद के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना के साथ विशेष आशीर्वाद प्रदान किया। विदित हो कि ग्राम खोरीगांव बरमकेला निवासी जीतराम निषाद संगीत, गायन, वादन, काष्ठ कला एवं चित्रकला के दक्ष कला कलासाधक है जो शासकीय सेवा से निवृत्ति के पश्चात अपनी कला के माध्यम से जागृति लाने में समर्पित हैं।