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कान पकड़ कर उस गलती को ठीक करवा सकते हैं…उमेश पटेल

साक्षी माँ चन्द्रहासनी छत्तीसगढ़ की गंगा महा नदी के तट मे माँ नाथल दाई की धन्य धरा पर अघरिया समाज के धर्मशाला भूमि पूजन उमेश पटेल उच्च शिक्षा मंत्री के हाथों सम्पन्न

शिक्षा से ही समाज का सर्वांगीण विकास की संभावना उमेश पटेल मंत्री छत्तीसगढ़ शासन

अखिल भारतीय अघरिया समाज केंद्रीय समिति अध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल द्वारा आयोजित सामाजिक धर्मशाला पूजन व केंद्रीय कार्यकारिणी विस्तार सम्मेलन पंचायत में अघरिया समाज के चुने जनप्रतिनिधियों का सम्मान, महासभा के आयोजन पर गहन विचार मंथन के पूर्व माँ चन्द्रहासनी माँ नाथल दाई के पूजा अर्चना से बैठक का शुरुआत दस अंचल प्रभारी छत्तीस क्षेत्रों के अध्यक्ष, पदाधिकारियों के साथ ही साथ सभी अंचलों से गणमान्य सामाजिक बंधुओं की दमदार उपस्थिति में … 15 फरवरी 2020 की सुखद गुलाबी ठण्ड के दोपहरी में महानदी के गोद, माँ नाथल दाई के साक्षी रुप में माता रानी चन्द्रहासनी स्नेह दुलार आर्शीवाद में …अघरिया समाज के लिए 15 फरवरी का दिन स्वर्णिम अक्षरों लिखा जाएगा सामाजिक पदाधिकारियों ने आपने आने वाले पीढ़ी के लिए अखिल भारतीय अघरिया समाज के लिए मुख्य अतिथि खरसिया विधायक प्रदेश के उच्च शिक्षा,कौशल विकास,तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार,विज्ञान और प्रौद्योगिकी,खेल एवं युवा कल्याण विभाग मंत्री उमेश नंद कुमार पटेल छत्तीसगढ़ शासन के गौरव पूर्ण उपस्थिति, सानिध्य सारंगढ़ विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े, नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों जिला पंचायत अध्यक्ष रायगढ़ निराकार पटेल महासमुन्द जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल, जिला पंचायत सदस्य गण श्रीमती कविता चंद्रकुमार पटेल जांजगीर, अवध पटेल खरसिया , श्रीमती सीता पटेल, कैलाश नायक, अजय नायक, श्रीमती सविता नायक, श्रीमती पुनीता पटेल, हेमचंद पटेल के साथ ही साथ श्रीमती रूक्मणी गुलाब पटेल जनपद अध्यक्ष बसना, गोपी चौधरी जनपद उपाध्यक्ष पुसौर रायगढ़, धर्मेन्द्र चौधरी जनपद उपाध्यक्ष सराईपाली, किशोर नायक जनपद उपाध्यक्ष बरमकेला रायगढ़ और हेमसागर नायक अध्यक्ष नगर पंचायत बरमकेला उपस्थित रहे। किन्तु महासमुन्द जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल की अनुपस्थिति पूरे कार्यक्रम के दौरान खलती रही।केंद्रीय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारी वरिष्ठ सामाजिक बंधुओं की उपस्थिति में अघरिया धर्मशाला निर्माण का भूमिपूजन किया गया।

अघरिया समाज का संक्षिप्त इतिहास

अघरिया समाज का संक्षिप्त इतिहास अखिल भारतीय अघरिया समाज का केन्द्रीय समिति का संविधान

पारंपरिक लोक कथाओं के अनुसार-अघरिया राजपूत हैं, जो आगरा के निकट निवासरत थे जो लगभग 1550 ई0 में उड़ीसा व वर्तमान छत्तीसगढ़ में आए । तब वे दिल्ली के तत्कालीन शासक सिकंदर लोधी व आदिलशाह के अत्याचार से प्रताडि़त थे। अघरिया सोमवंशी राजपूत थे जो स्वभाव से स्वाभिमानी थे। वे राजा को भी बिना सिर झुकाए सलाम करते थे।

जिससे राजा ने सबक सिखाने के लिए तीन तरीका चुना

पहला- उन्हें कांधार युद्ध में झोंक दिया जाए,

दूसरा -उन्हें धर्मातंरित कर मुस्लिम बना दिया जावे,

तीसरा-उनका सर कलम दिया जावे।

इस आशय की पूर्ति के लिए मुगल शासक ने दरवाजा में गर्दन की ऊंचाई तलवार को आढ़े लटका कर बांध दिया ताकि सिर नहीं झुकाने पर गर्दन कट जावे और उनका वंश समाप्त हो जावे। परन्तु बुद्धिमान अघरिया ने राजा के चाल को भांप लिया और राजा के बुलावे में खुद न जाकर अपने दलित जाति के नौकर को अपने बदले राजा के दरबाज में भेजा, जहाँ पर राजा ने नौकर के सिर को कलम कर दिया। राजा की अपने प्रति खराब मंशा को भाप कर अपने व उस दलित नौकर के परिवार को साथ लेकर अघरिया परिवार तत्कालीन उड़ीसा रियासत (वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ व बिलासपुर जिले) के पश्चिमी क्षेत्र में आ गये। तब से अघरिया अपने रक्षा के लिये बलिदान देने वाले दलित परिवार के वंशजों को समर्पण व सहानुभूति के साथ उनका भरण पोषण व देखभाल करते आ रहे है।

अघरिया ने अपने 84 परिवारों में से 6 ने चौधरी, 60 ने पटेल व 18 ने नायक का उपनाम स्वीकार कर अपने गोत्र को धारण किया जो आज भी सामाजिक संस्कारों में मान्यता के साथ ही उसके वंशज अपनाए हुए हैं।

विद्वानों ने समाज

समाज एक से अधिक लोगों के समुदायों से मिलकर बने एक वृहद समूह को कहते हैं जिसमें सभी व्यक्ति मानवीय क्रियाकलाप करते हैं।जो मानवीय क्रियाकलाप में आचरण, सामाजिक सुरक्षा और निर्वाह आदि की क्रियाएं सम्मिलित होती हैं। समाज लोगों का ऐसा समूह होता है जो अपने अंदर के लोगों के मुकाबले अन्य समूहों से काफी कम मेलजोल रखता है। किसी समाज के आने वाले व्यक्ति एक दूसरे के प्रति परस्पर स्नेह तथा सहृदयता का भाव रखते हैं। दुनिया के सभी समाज अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए अलग-अलग रस्मों-रिवाज़ों का पालन करते हैं।

समाज की परिभाषा – समाज की परिभाषा को विभिन्न लेखकों द्वारा उनकी विचारधारा के अनुसार परिभाषित किया गया है।

उन में से कुछ समाज की कुछ परिभाषाएँ इस प्रकार हैं :-डॉ जेंक्स के अनुसार, मनुष्य के मित्रता पूरन या कम से कम शांतिपूर्ण संबंधों का नाम समाज है।

प्रसिद्ध विद्वान मैकाईवर के अनुसार, “मनुष्य के आपसी स्वैच्छिक संबंधो का नाम समाज है।

समनर और कैलर के अनुसार , ‘समाज उन लोगों का एक समूह है जो आजीविका के लिए एक साथ रहते हैं और मानव जाति की स्थिरता के लिए एक दुसरे के साथ मिल कर रहते हैं?

प्लेटो के अनुसार, समाज व्यक्ति का स्पष्ट रूप है।

गिडिंग के अनुसार, समाज ऐसे लोगों का समूह है जो सामाजिक कल्याण के उद्देश्यों की पूर्ति का समर्थन करते हैं।

लीकांक के अनुसार , समाज मानव के सभी प्रकार के संबंधों और कई सामूहिक गतिविधियों का अभास करता है।
इन सभी परिभाषाओं की समीक्षा करने के बाद, हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि समाज लोगों का एक बहुत बड़ा समूह है जिसमें मनुष्यों के कई समुदाय, संप्रदाय और संस्थाएँ भी आता हैं। मानव अपने सामाजिक हित और अन्य हितों को पूरा करने के लिए कई संस्थाएं बनाता है। ये सभी संस्थाएं समाज का हिस्सा हैं। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि समाज उन समुदायों, संप्रदायों और संस्थाओं का एक समूह है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने सामाजिक हितों को पूरा करता है और जो अपने आपसी संबंधों को नियंत्रित करता है।

कान पकड़ कर उस गलती को ठीक करवा सकते हैं-उमेश पटेल

मुख्य अतिथि उमेश नंद कुमार पटेल मंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने अपने संबोधन में कहे धर्मशाला के लिए भूमि दान समर्पण हेतु धर्मेंद्र पटेल परिवार व सामाजिक बंधुओं को कोटि बधाई धर्मशाला के प्रेरणा हेतु विचार करने वाले सुंदरमणी लक्ष्मीकांत, निराकार चौधरी,दिन दयाल, भुनेश्वर पटेल को बहुत-बहुत बधाई समाज तभी आगे बढ़ता है जब कोई समाज शिक्षित होता है शिक्षा से ही समाज का सर्वांगीण विकास संभव है हमारे समाज ने कृषि को अपना व्यवसाय के साथ अब युवाओं युवतियों को पिछले 10-20वर्षो से लगातार उतरोतर शिक्षा के क्षेत्र में सभी परिवार जागरुक रहे है जिसका सुखद परिणाम आईएएस आईपीएस कलेक्टर इंजीनियर एसडीएम तहसीलदार चिकित्सा के विभिन्न शासकीय विभागों समाज ने गौरव और मान-सम्मान क्षेत्र का बढ़ा रहे हैं जिला व जनपद पंचायत में निर्वाचित जनप्रतिनिधि जीते तो हैं और उनकी जिम्मेदारी भी लोगों के प्रति समाज के प्रति बढ़ा है उन्हें पूरा करना होगा मैं समाज के सर्वांगीण विकास में हमेशा साथ खड़ा रहूंगा समाज के बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास करूंगा समाज की जहां भी मेरी आवश्यकता पड़े एक खबर मुझे जरूर करिएगा मैं भी एक इंसान हुं हो सकती है मुझसे भी मानवीय भूल उन भूलो को मुझे सुधारने के लिए कान खीच कर उस गलती को ठीक करवा सकते हैं …समय और मौका जरूर दीजिएगा।

सारंगढ विधायक उतरी गनपत जागड़े

विशिष्ट अतिथि श्रीमती उतरीगनपत जागड़े विधायक सारंगढ़ ने मंदिर परिसर के समीप खनिज चौकी के पास धर्मशाला निर्माण हेतु बधाई देते हुए कहा कि भू-दानदाता धर्मेंद्र पटेल कपिल पटेल परिवार सभी अघरिया समाज के लोगों बधाई के पात्र हैं माँ नाथल दाई, माँ चन्द्रहासनी के धर्म धरा में धर्मशाला निर्माण हम सब के लिए गौरव है धर्मशाला निर्माण में सभी सामाजिक गतिविधियों के महत्वपूर्ण होगा। हर सम्भावित सहयोग भी करूंगी आप सभी अघरिया समाज के सामाजिक बंधुओं का सहयोग आशीर्वाद हम पर और हमारे क्षेत्र पर बना रहे।

जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल

नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल नगर धर्मशाला निर्माण भूमि दानदाताओं को भाग्यशाली बताते हुए कहा कि बहुत ही कम लोग सार्वजनिक हित के लिए दान सहयोग करते हैं आप सभी के सहयोग से समाज गांव क्षेत्र का विकास संभव सामाजिक पदाधिकारी बंधुओं से समाधान के साथ तन मन धन समर्पित भाव के साथ समाज की चौमुखी विकास हेतु उन्हें मैं नमन करता हूं लोगों ने भारी मतों से जीत दिलाया है विश्वास दिलाता हूं कि पद की गरिमा को गिरने नहीं दूंगा जनहित के कार्यों को हमेशा तत्पर रहूंगा आंखे छलकने को हो गया था जब अपने सहयोगी अघरिया समाज के शहीद नंद कुमार पटेल जी के साथ1987 से काम करने की प्रेरणा लेते वर्षो से साथ में काम किए साथी का खोने का गम ताउम्र … उपस्थिति स्वजातीय बंधुओं को समझते देर नहीं लगा कि निराकार पटेल आपने पारिवारिक मित्र सहयोगी मार्गदर्शक को खोने का दर्द किस कदर झकझोर दिया हैं ।

अगली पंक्ति में भीगी पलकों को सम्हालते हुए अध्यक्ष पटेल कहे कि मंत्री उमेश पटेल के साथ जिले के सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास का कार्य किया जावेगा अघरिया समाज के प्रत्येक व्यक्ति के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा कोई भी कार्य अच्छे लगन और सकारात्मक सोच के साथ करने से सफलता अवश्य मिलता है ।

मंत्री उमेश पटेल, विधायक उतरी गनपत जागड़े, नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष को श्रीफल साल स्मृति चिन्ह प्रदान कर समाज की ओर से सम्मानित किया गया केंद्रीय कार्यकारिणी का विस्तार करते शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी कराया गया

समाज की विशेषता

उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर, निम्नलिखित विशेषताएं समुदाय में होनी चाहिए।

लोगों का समूह – समाज की मुख्य विशेषता लोगों का समूह है। लोगों के समूह के बिना, समाज के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकता है। मनुष्य स्वाभाविक रूप से सामाजिक प्राणी हैं और समाज में रहना उनके लिए स्वाभाविक है। मानव के स्वभाव के अलावा, मानव की आवश्यकताएं इतनी अधिक जटिल हो गई हैं कि कोई भी व्यक्ति निजी प्रयासों द्वारा उन्हे पूरा नहीं सकता है। इस कारण से यह कहा जाता है, मानव का स्वभाव मनुष्य को समाज में रहने के लिए प्रेरित करता है और मनुष्य की आवश्यकताएं उसे समाज में रहने के लिए मजबूर करता हैं।पारस्परिक सहयोग – यदि लोगों के समूह में आपसी सहयोग की कमी है, तो उस समूह को समाज नहीं कहा जा सकता है। यदि लोगों का आपस मे बीच कोई संबंध नहीं है और सभी लोग निवेेेकले तौर पर रहते हैं, तो वे लोगों का समूह समाज का निर्माण नही सकते हैं। व्यक्तियों का आपसी सहयोग समाज की प्रमुख विशेषता है। लोगों के किसे समूह को समाज तब कहा जा सकता है, जेकर उन में आपसी सहयोग ओर मेल-जोल है। समाज में रहने वाले लोग चाहे विभिन्न जातियों और धर्मों के हों, उनके बीच आपसी सहयोग और एकता का होना जरूरी है।

सांझे उद्देश्य – अखिल भारतीय अघरिया समाज का निर्माण किसी व्यक्ति या वर्ग के विशेष उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि मानव जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है। समाज के लोगों के उद्देश्यों को साझे नहीं हो सकते, लेकिन व्यक्ति की सामान्य आवश्यकताएं समान हो सकता हैं। उदाहरण के लिए, खाने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़े और रहने के लिए मकान हर व्यक्ति के लिए बुनियादी और महत्वपूर्ण आवश्यकताएं हैं। समाज किसी व्यक्ति विशेष के उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश नहीं करता, बल्कि पूरे समाज की समस्याओं को हल करने का प्रयास करता है। समुदाय में रहने वाले लोगों के उद्देश्य सांझे होने चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है, तो समाज का अलग-अलग होना बिल्कुल स्वाभाविक है।

भाईचारे की भावना – समुदाय में रहने वाले लोग विभिन्न कुल या गोत्र के हो सकते हैं, लेकिन उनमें भाईचारे की भावना का होना जरूरी है। यदि व्यक्ति में ऐसी कोई भावना नहीं है, तो प्रत्येक व्यक्ति स्वार्थ के लिए सामाजिक हितों को नष्ट कर देगा। वास्तव में, प्रत्येक सामाजिक हित ही हर मनुष्य का सच्चा हित होता है, और इसकी प्राप्ति लिए हर अघरिया बंधुओं के अन्दर भाईचारे की भावना होना जरूरी है।

शांतिपूर्ण वातावरण – समाज के निर्माण के लिए शांतिपूर्ण वातावरण का होना महत्वपूर्ण है। इसी कारण, डॉ जेंकस ने शांतिपूर्ण वातावरण को समाज का एक आवश्यक तत्व माना है। यदि समाज में शांतिपूर्ण वातावरण नहीं होगा, तो समाज का उद्देश्य की पूरती असंभव है।

संगठन – अघरिया समाज का एक उच्च विशेेषता इसका संगठन है। केवल भीड़ को ही समाज नहीं जा सकता। समाज के लिए व्यक्तियो में किसी न किसी प्रकार का संगठन होना चाहिए।

मैंबरशिप – समाज की एक अन्य विशेषता यह है कि इसकी मैंबरशिप अखिल भारतीय अघरिया समाज के संविधान के अनुरुप इच्छुक व्यक्ति शुल्क अदा कर सदस्यता ग्रहण कर सकता है। व्यक्ति किसी भी दबाव के कारण समाज में नहीं रहता है, लेकिन वह अपनी सामाजिक जरूरतों के कारण समाज में रहता है।

रीति रिवाज – अखिल भारतीय अघरिया समाज के लोगों सामाजिक रीति-रिवाज से ओत-प्रोत होते हैं, जो समाज रूप से रहने की भावना पैदा करते हैं।

सम्मेलन में केंद्रीय अध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल संयोजक प्रेम शंकर पटेल महासमुंद जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल जिला पंचायत सदस्य अवध पटेल, कैलाश नायक अजय नायक अन्य स्वजातीय बंधुओं ने संबोधित किया मंच संचालन केंद्रीय महासचिव दीनदयाल पटेल ने ऐसा समा बांध दिए महा नदी माँ नाथलदाई के गोद में गुलाबी ठण्ड के दोपहरी से सारंगढ़ क्षेत्रीय अध्यक्ष ज्योति पटेल द्वारा आभार व्यक्त से पता चला कि शाम होगया न अब कार्यक्रम का समापन की घोषणा किया गया…

दोस्तों उपरोक्त विचार क़लम विचार

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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